
बुधवार को जिस तरह का ठोकतंत्र राज्यसभा में दिखा, वह शायद लोकतंत्र का अंतिम क्षण था! ऐसे ‘लड़ाकू दृश्य’ लोकसभा…
वास्तव में नाले ऐसे विशेष प्राणी हैं, जो बरसात को घर के अंदर सम्मानजनक प्रवेश दिलाते हैं, घर के सामान…
अर्थव्यवस्था पर मंदी ऐसी छाई हुई है कि विशेषज्ञ मानते हैं कि 2022 तक छाए रहेंगे ये बादल। इतने लोग…
सरकार वैश्विक अर्थव्यवस्था की चाल को समझ पाने में नाकाम रही है। साथ ही निचले तबके की सामाजिक-आर्थिक पीड़ा को…
एक हॉकी खिलाड़ी टूटी हॉकी से और दूसरी एक लकड़ी से ही अभ्यास करती रही। इनके माता-पिता के दारिद्र्य को…
निजी स्कूलों का प्रबंधन अपने स्कूलों की सुख-सुविधाओं का विज्ञापन अखबारों में छपवा और टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित करवा सकता…
बलात्कार पर हमेशा रजनीति करते आए हैं हमारे राजनेता। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल तैंतीस हजार से ज्यादा बलात्कार…
आज भारत में स्कूली शिक्षा की क्या स्थिति है? सीखने की कमी; यह एक स्वीकृत वास्तविकता है, जबकि स्कूली शिक्षा…
इसी बीच बंगाल का जादू दिल्ली आता है और दिल्ली में ‘खैला होबे’ की डुगडुगी बजाता है। सभी विपक्षी देवता…
फिर भी नए विश्वविद्यालय खुल रहे हैं और आइआइटी और आइआइएम कुकुरमुत्तों की तरह प्रकट हो रहे हैं। सरकार इनको…
संसद के इस सत्र में मुद्दे होने चाहिए थे कोविड को रोकने में मोदी सरकार की गलतियां, टीकों का अभाव,…
बहसों में सरकार ने कहा कि हम गैरकानूनी तरीके से कुछ नहीं करते। विपक्ष ने कहा कि ‘पेगासस’ लिया कि…