सृजन और संवेदना के बीच रचनात्मकता के कई बहुमूल्य प्रयोग करने वाले मास्ति का साहित्यिक नाम ‘श्रीनिवास’ है और इसी…
कविता को प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों से मुक्त करने की जरूरत है। नकारात्मक विचारों या निराशावादी भावनाओं, जैसे, अंधविश्वास, क्रूरता,…
लगभग दो दशक पहले सफर के दौरान एक गांव के पास हमें ‘मिल्की वे’ दिखा था और ‘एयर ग्लो’ के…
बच्चों को बहुत सा प्यार बहू को ढेर सा दुलार
आने वाली पीढ़ी के लिए इंटरनेट भी शायद पुराना हो जाए, क्योंकि हर साल या दो साल में तकनीकी कुछ…
साहित्य अकादेमी या अन्य संस्थान बेशक आज अनुवाद-कार्य से जुड़े लोगों को सम्मानित करते हैं, पर तथ्य है कि भाषा…
साहित्य जैसे पुनीत कार्य-सृजन में यदि यह देखा जाने लगे कि अमुक तो वामपंथी है, दक्षिणपंथी है, जनवादी है या…
आलोचक की प्रतिबद्धता पाठक के प्रति न होकर रचनाकार के प्रति हो गई है। व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित आलोचना-कर्म ने…
आलोचनाहीनता के बावजूद हिंदी गजल में कुछ अच्छे काम हो रहे हैं। प्राय: हर लघु पत्रिका देवनागरी में लिखी जा…
सच है कि आलोचकों से लेखकों की नींद हराम होने की हिंदी साहित्य में लंबी परंपरा रही है।
‘मेरे यारों, यह हादसा हमारे ही समयों में होना था, कि मार्क्स का सिंह जैसा सिर सत्ता के गलियारों में…
प्रासंगिकता का सवाल साहित्य और समाज के संबंध का सवाल नहीं है। यह साहित्य की सामाजिक उपयोगिता का सवाल है।