एकाकीपन में जो साथ होता है, वह सुख और दुख की किसी परिभाषा से परे होता है। यहां परस्पर जरूरत…
धनशोधन का देश की अर्थव्यवस्था और समाज पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ता है। मगर दुनिया के कई देशों में धनशोधन…
भारत में सामाजिक और सरकारी स्तर पर जागरूकता का अभाव और व्यवस्थागत खामियां व्याप्त हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में आज…
हर नई तकनीक में प्रायोगिक स्तर पर कुछ न कुछ अड़चन आती है। मगर जब कोई भरोसेमंद कंपनी अपने किसी…
प्रशांत किशोर कमोबेश सभी दलों के चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं। शुरुआत 2014 में भाजपा के लिए रणनीति बनाने के…
रोजगार का मुद्दा इतना अहम हो चुका है कि इसे सिर्फ पक्ष और विपक्ष के वार-पलटवार के रूप में नहीं…
लोगों का दृष्टिकोण ही उनका भाग्य है। यह किसी को जन्मजात नहीं मिलती है। इसे विकसित करना सीखा जा सकता…
आखिर कैसे बच्चों का मन तकनीक के तारों में इतना उलझ गया कि वास्तविकता से नाता ही टूट गया? क्यों…
पुणे में प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर यूपीएएससी की परीक्षा में चुने जाने के लिए खुद को शारीरिक रूप से…
ऐसा क्यों है कि एक ओर रेल महकमे को आधुनिक स्वरूप देने, उच्च तकनीकी से लैस करने के दावे किए…
लोगों ने कहा- देश की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था पर भरोसा बनाए रखने के लिए दोषी अफसरों को न केवल…
भीड़ के पास विवेक या बुद्धि नहीं होती। भीड़ का केवल आक्रामक होना यह दर्शाता है कि उसमें शामिल लोगों…