
सरकारों ने श्रमिक क्षेत्र की आमदनी बढ़ाने को सत्ता का काम मानना ही छोड़ दिया है। वह जनता को कह…
लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें संस्था स्थिर रहती है और व्यक्ति आते-जाते हैं। सांवैधानिक रूप से व्यक्ति महज पांच…
हर्षद मेहता, केतन पारिख जैसे नाम इसी देश की धरती के हैं और यहीं के लोगों का पैसा डूबा था।…
रामविलास पासवान की राजनीति को लेकर एक मजबूत समझ थी और उन्होंने अपने जुझारूपन से अपनी जमीन तैयार की थी।…
महामारी की दूसरी लहर ने दिल्ली की ध्वस्त व्यवस्था की असलियत सामने रख दी। जब तक व्यवस्था चल रही होती…
दिल्ली में ही हुए एक कार्यक्रम में पिछले साल फरवरी में सांप्रदायिक दंगे की शिकार महिला ने कहा-दंगाइयों ने मेरे…
अब तक इंदिरा गांधी को निज के परिवार से मिली लोक की सत्ता पर अहंकार होने लगा था। उनका यह…
दिल्ली की सीमाओं पर एक से दो डिग्री की कड़कड़ाती ठंड में जवान से लेकर बुजुर्ग किसान हौसले का अलाव…
ममता बनर्जी जुझारू नेता हैं और वो अपनी जमीन बचाए रखने की पूरी कोशिश करेंगी और भाजपा वहां के हिंदी…