गृहमंत्री राजनाथ सिंह दक्षेस देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंच चुके हैं। उनके पहुंचने से पहले बुधवार को हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन के नेतृत्व में बाकायदा रैली निकालकर राजनाथ का विरोध किया गया। पाकिस्तानी सरकार के सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शनकारी धार्मिक समूहों से आते हैं। राजनाथ को पूरी सुरक्षा इसलिए दी जा रही है क्योंकि पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद ने देशभर में प्रदर्शनों की चेतावनी दी थी। उसने कहा था कि जब राजनाथ सिंह इस्लामाबाद आएंगे, तो पूरा पाकिस्तान उनका विरोध करेगा। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू के अनुसार, ”गृहमंत्री पाकिस्तान में सार्क देशों की बैठक में शामिल होने गए हैं। यह बहुपक्षीय बैठक है, न कि द्विपक्षीय चर्चा, बातचीत में आतंकवाद पर चर्चा हो सकती है।”
बैठक के दौरान राजनाथ भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम और सीमापार से आतंकवाद का मसला उठा सकते हैं। उनके साथ गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के कई अधिकारी बतौर प्रतिनिधिमंडल गए हैं। राजनाथ सिंह की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है। जम्मू कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद हुई हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। जनवरी में हुए पठानकोट हमले के बाद पहली बार कोई वरिष्ठ भारतीय मंत्री पाकिस्तान जा रहा है। पठानकोट हमले में सात जवान मारे गए थे। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में पठानकोट हमला का भी मुद्दा उठाएंगे। भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी तरह की द्विदेशीय वार्ता की संभावना से भी इनकार किया है।