कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी और तीसरी खुराक जिसे ‘‘एहतियाती खुराक” कहा जा रहा है, के बीच का अंतराल संभवत: नौ से 12 माह हो सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों – कोविशील्ड और कोवैक्सिन के लिए अंतराल की बारीकियों पर काम किया जा रहा है और इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।
एक सूत्र ने कहा, “टीकाकरण विभाग और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा इन विषयों पर चर्चा करने के साथ कोविड टीके की दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच का अंतर नौ से 12 महीने होने की संभावना है।”
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम एक संबोधन में घोषणा की कि 15-18 वर्ष के किशोरों के लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण तीन जनवरी से शुरू होगा, जबकि स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों के लिए “एहतियाती खुराक” 10 जनवरी से दी जाएगी। यह फैसला कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से जुड़े कोविड मामले बढ़ने के बीच आया है।
मोदी ने कहा कि एहतियाती खुराक अगले साल 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक उम्र के और अन्य गंभीर बीमारी वाले नागरिकों को उनके डॉक्टर की सलाह पर दी जाएगी। एहतियाती खुराक पूरी तरह से टीकाकरण के लिए टीके की तीसरी खुराक को दर्शाती है, लेकिन मोदी ने “बूस्टर खुराक” शब्द का उपयोग करने से परहेज किया, जैसा कि आमतौर पर कहा जाता है।
बता दें कि भारत की 61 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं। इसी तरह, लगभग 90 प्रतिशत वयस्क आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है। सुबह सात बजे तक की अनंतिम रिपोर्टों के अनुसार,पिछले 24 घंटों में 32,90,766 खुराकें देने के साथ, देश में कोविड-19 टीके की कुल खुराक 141.37 करोड़ से अधिक हो गई है।
ओमीक्रोन की लड़ाई में अनुशासन ‘बड़ी ताकत’ है- मोदी: ओमीक्रोन के लगातार बढ़ते मामलों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत सतर्कता और अनुशासन देश की बड़ी ताकत हैं। मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि भारत ने अपनी टीकाकरण मुहिम में ‘‘अभूतपूर्व सफलता’’ हासिल की है, लेकिन वायरस के नए स्वरूप के कारण सतर्क रहने की जरूरत है।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिक इस नए ओमीक्रोन स्वरूप पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्हें हर रोज नए आंकड़े मिल रहे हैं और उनके सुझावों के आधार पर कदम उठाए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत सतर्कता और अनुशासन देश की बड़ी ताकत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सामूहिक ताकत कोरोना वायरस को हराएगी। हमें जिम्मेदारी की इस भावना के साथ 2022 में प्रवेश करना है।’’