बिहार में राजनीतिक उठापठक के बीच नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद से ही बिहार की राजनीति और लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम तरफ की आशंकाएं जताई जा रही हैं। इसी बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का एक बड़ा बयान सामने आया है। 

कहां से देंगे दस लाख नौकरी?

प्रशांत किशोर ने कहा कि महागठबंधन की सरकार अपने कहे वादे केअनुसार, पांच-दस लाख लोगों को अगर नौकरी मिल जाए तो हम पीछे हट जायेंगे और उन्हें अपना नेता मान लेंगे। बेवकूफ बना देंगे सीधा-सीधा, कहां से लायेंगे दस लाख नौकरी? जो हैं उनके पैसे नहीं दे पा रहे हैं! कितने लोगों को कई महीने से सैलरी नहीं मिली है!

फिर होगा उलटफेर!

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘अगर वो नौकरी दे देते हैं तो हमसे ज्यादा खुश कोई नहीं होगा!’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें आए हुए 3 महीना ही हुआ है और देख रहे हैं ना उथल-पुथल! पूरा 180 डिग्री सब कुछ घूम गया है। आपको क्या पता कि ये कैसे फिर घूमेगा, घूमने दीजिये। अगला चुनाव आते-आते फिर एक बार सबकुछ बदलेगा, इतना मैं कह रहा हूं!’

उन्होंने कहा कि मैं भविष्यवाणी कर रहा हूं कि विधानसभा चुनाव से पहले ये सब कई बार बदलेगा, बस देखते चाहिए क्योंकि जनता का उनको सहयोग ही नहीं है, उन्हें वोट ही नहीं मिला है। यही NDA की सरकार है, पहले अच्छा काम करके दिखाई थी क्योंकि जनता ने वोट दिया था। जनता वोट किसी और को देती है, सरकार कोई और बनाती है तो जनता को बेवकूफ बनाते हैं। नीतीश कुमार जी फेविकोल लगाकर कुर्सी पर बैठ गए हैं, नीतीश जी जिंदाबाद हैं बाकि पूरा बिहार वैसा का वैसा ही है! 

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लोगों की प्रतिक्रियाएं 

नीतीश ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि अपने आपको को चाणक्य समझ रहे हैं। एके विश्वकर्मा ने लिखा कि भाजपा ने कौन-सा दो करोड़ हर साल नौकरी बाट दी है, सब जुमला ही तो है तो वे काहे पीछे रहें। एक यूजर ने लिखा कि प्रशांत किशोर नया नहीं कह रहे, बिहार की हर गली, नुक्कड़ पर इसकी चर्चा है। खुद राजद के समर्थक नीतीश पर विश्वास नहीं कर पा रहे है। अगर साथ चुनाव में गए तो भी कोई राजद वोटर नीतीश के उम्मीदवार को वोट नहीं करेगा, जैसे बीजेपी समर्थकों ने नहीं किया था।

गोविंद नाम के यूजर ने लिखा, ‘बीजेपी को बिहार में प्रशांत किशोर को बीजेपी में लाकर चिराग पासवान को भी साथ में लाकर आगे बढ़ना चाहिए। एक यूजर ने लिखा कि बिहार में कई बार उलटफेर होने वाला है ये सिर्फ प्रशांत किशोर ही नहीं, बल्कि बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है।