उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद यूपी की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। 19 मार्च को अचानक अमित शाह और ओपी राजभर के बीच मुलाकात की खबर सामने आई। हालांकि सुभासपा के नेता और प्रवक्ता यहां तक खुद राजभर ने इस खबर को झूठा करार दिया है लेकिन भाजपा के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।
बीजेपी के नेताओं से कब मिले थे?: इसी बीच आज तक को दिए एक इंटरव्यू में ओपी राजभर से पूछा गया कि आपकी बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात कब हुई थी? इस पर ओपी राजभर ने कहा कि “2019 से पहले हमारी मुलाकात हुई थी।” आखिरी अबार आप दिल्ली का गए थे? यह सवाल पूछे जाने पर ओपी राजभर ने कहा कि “जब मुझे इस्तीफा देना था।”
“हमारे वोटरों को हम पर विश्वास है”: ओपी राजभर से पूछा गया कि कहीं अरविंद को ही आपने दूत बनाकर नहीं भेजा था? इस पर हंसते हुए ओपी राजभर ने कहा कि “चर्चा तो आप मेरी कर रहे हैं तो अरविंद की बात कहां से आ गई। हमारे पार्टी का कोई भी नेता/कार्यकर्ता मेरे पास फोन नहीं किया है क्योंकि उसे विश्वास है कि हमारा नेता जो भी लड़ाई लड़ रहा है, मेरे लिए लड़ रहा है। हम अपने नेता के साथ हैं। उनका हमारे ऊपर विश्वास है।”
ओपी राजभर से पूछा गया कि 2024 को लेकर क्या प्लान है? 2022 का प्लान तो आपका फेल हो गया, कैसे लड़ेंगे आगे की लड़ाई? इस पर ओपी राजभर ने कहा कि “15 दिन में हम आपको बतायेंगे कि कैसे लड़ेंगे लड़ाई और हम लोग क्या कर रहे हैं। एक बड़ा गठजोड़ देश में बनाने की तैयारी कर रहे हैं, बाकी हम आपको बाद में बताएंगे।”
बता दें कि ओपी राजभर की पार्टी शुभासपा का पहले बीजेपी के साथ गठबंधन था लेकिन अपनी कुछ मांगों को लेकर राजभर ने यूपी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान भी कर दिया था। इसके बाद 2022 विधानसभा का चुनाव सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। अब उनके एक बार फिर भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई है। हालांकि पूरी सुभासपा इसे नकार रही है।