महाराष्ट्र में जब राजनीतिक उलटफेर हुआ तो देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन हुए। इसी तर्ज पर जब ज्योतिरादित्य सिंधिया से सीएम बनने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं लोगों की सेवा करना चाहता हूं, मुझे किसी पद का मोह नहीं है। इस पर दिग्विजय सिंह ने तंज कसा था और अब कैलाश विजयवर्गीय ने तीखा पलटवार किया है।
‘भाजपा को उनके राय की जरूरत नहीं’: कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि ‘दिग्विजय सिंह अपनी सलाह सोनिया गांधी जी को दिया करें। अभी हमें उनके सलाह की आवश्यकता नहीं है। जिस समय हमें लगेगा कि अब हमें भाजपा को डुबोना है तो हम उनकी सलाह ले लिया करेंगे।’ इससे पहले दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम बनाने की सलाह दी थी।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा था कि ‘भाजपा बड़ा अन्याय करती है। एकनाथ शिंदे जी को बग़ावत करने पर मुख्यमंत्री पद दे कर देवेन्द्र फडनविस को उपमुख्यमंत्री बना दिया। मध्यप्रदेश में भी सिंधिया जी को मुख्यमंत्री बना कर शिवराज चौहान जी को उपमुख्यमंत्री बना सकते थे लेकिन नहीं किया। सरासर दोहरा मापदंड है।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: मुर्तजा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यही फर्क है बीजेपी और आम आदमी पार्टी में, वो आलोचना की सराहना करते हैं ताकि खुद को और सुधार कर सकें। इन्हें इनका अहंकार ले डूबेगा।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘अन्याय तो कांग्रेस ने किया है। दो अधिक सक्षम कर्मठ तथा युवा नेताओं को दरकिनार कर दो बूढ़ों को मुख्यमंत्री बना दिया। अब एक केंद्र सरकार मैं मंत्री और दूसरा शीघ्र ही राजस्थान का मुख्यमंत्री बनेगा।’
नवीन कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या राजा साहब पब्लिक को भ्रमित करते हैं इसलिए तो कांग्रेस फेल है। भाजपा राज्य और अपनी रणनीति बनाती है। महाराष्ट्र में शिवसेना को खत्म करना था। एक यूजर ने लिखा कि इतनी चिंता थी सिंधिया जी की, तो जब कांग्रेस में थे तब बना देते उनको मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश का,जीत तो कांग्रेस की ही हुई थी ना।’
बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार से नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बगावत कर दी और समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में मंत्री बनाये गये थे।