मानस मनोहर

भारतीय व्यंजनों की खूबी यह है कि इन्हें बनाने का कोई तय तरीका नहीं होता। इसलिए हर हाथ का बना भोजन कुछ अलग स्वाद देता है। कुशल पाकशास्त्री बरसों के अध्ययन और अभ्यास से किसी व्यंजन को अपनी पहचान दे पाते हैं। इसलिए प्रयोग करते रहिए, अध्ययन करते रहिए और नए-नए ढंंग से नए-नए स्वाद में व्यंजनों को बनाते रहिए।

मटर की हरीभरी दाल
शायद ही कोई हो, जिसे हरे मटर का स्वाद पसंद न आता हो। तो, आइए बनाते हैं इस बार हरे मटर की दाल। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस दाल को निमोना कहते हैं। हरे मटर की दाल बनाने के अलग-अलग तरीके हैं। कई लोग इसे कच्चा कूट कर पकाते हैं, कुछ लोग दरदरा पीस लेते हैं। कुछ आलू के साथ बनाते हैं, तो कुछ टमाटर-प्याज के साथ। हम थोड़ा अलग और तमाम तरीकों के मिलेजुले रूप को ध्यान में रखते हुए इसे पकाएंगे। सबसे पहले तो मटर के दाने छील कर अलग कर लें।

चार लोगों के लिए छिलके समेत एक किलो मटर पर्याप्त होगी। दानों को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें। अब कड़ाही में एक चम्मच खाने का तेल गरम करें। उसमें जीरा, धनिया, सौंफ, अजवाइन और चुटकी भर हींग का तड़का देकर मटर को छौंक दें। आधा चम्मच नमक भी डाल दें। इससे मटर के दाने मुलायम हो जाएंगे। मगर बाद में ध्यान रखें और अंतिम रूप से इसी के अनुपात में नमक डालें। कड़ाही पर ढक्कन लगा कर आंच मध्यम कर दें और दस मिनट पकने दें।

अब इसकी तरी यानी ग्रेवी बनाने की तैयारी कर लें। इसके लिए दो मध्यम आकार के प्याज और दो से तीन मध्यम आकार के टमाटर मोटे-मोटे काट लें। कुछ लहसुन की कलियां और अदरक भी काट लें। फिर कड़ाही में दो से तीन चम्मच तेल गरम करें और उसमें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में धनिया, जीरा, सौंफ, अजवाइन, दालचीनी का एक टुकड़ा, एक बड़ी इलायची, एक तेजपत्ता, चार-छह काली मिर्चें, दो-तीन लौंग का तड़का लगाएं। फिर कटे हुए प्याज, टमाटर, लहसुन और अदरक डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और आधा चम्मच नमक डाल कर आंच हल्की करके दस से पंद्रह मिनट तक पकने दें। जब टमाटर और प्याज पक कर नरम हो जाएं तो आंच बंद कर दें। थोड़ी देर ठंडा होने दें।

मटर को कड़ाही से बाहर निकाल कर बड़े खरल में डाल कर या किसी अन्य बरतन में रख कर उसके दानों को कुचल लें। ध्यान रखें कि सारे दाने मसल कर हलवा न बन जाएं। कुछ दाने साबुत और आधे भी रह जाएं, तो हर्ज नहीं। इसे अलग रख दें। फिर पके हुए टमाटर-प्याज को मिक्सर में डाल कर पीस लें। महीन पेस्ट बना लें। जिस कड़ाही में मटर या टमाटर-प्याज पकाया था, उसी में दो-तीन चम्मच देसी घी गरम करें। उसमें जीरा, अजवाइन और चुटकी भर हींग का तड़का लगाएं। उसमें पिसे हुए टमाटर-प्याज का पेस्ट डालें और थोड़ी देर भूनें।

जब पेस्ट तेल छोड़ने लगे, तो उसमें एक चम्मच गरम मसाला, एक चम्मच धनिया पाउडर और आधा चम्मच कुटी लाल मिर्च डाल कर मिलाएं। आधा गिलास पानी डालें और उबाल आने दें। फिर कुचले हुए मटर के दाने डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। आधा गिलास पानी और डाल दें। अगर दाल पतली रखना चाहते हैं, तो पानी अपनी इच्छा के मुताबिक डालें। कड़ाही पर ढक्कन लगा दें और मध्यम आंच पर पांच से सात मिनट तक पकाएं। दो-तीन उबाल आने के बाद आंच बंद कर दें। नमक देख लें, जरूरत हो, तो और डाल दें। दाल तैयार है। इसे अदरक, धनिया और हरी मिर्च से सजा कर गरमा-गरम परोसें। रोटी, परांठे या चावल के साथ खा सकते हैं।

सोया बैगन वड़ी
बैगन की सब्जी तो कई तरीके से बना कर आपने खाई होगी, मगर सोयाबीन की वड़ी और सोया पत्ते के साथ इसका मेल लाजवाब होता है। यह सब्जी बनाने के लिए बैगन आप चाहे जो ले सकते हैं। यों गोल वाला बड़ा बैगन गल कर अच्छी तरह सब्जी में घुल-मिल जाता है, इसलिए वड़ी के साथ इसे लेना बेहतर रहता है। बैगन को सामान्य आकार के टुकड़ों में काट लें। अगर आधा किलो बैगन लिया है, तो करीब दो सौ ग्राम या एक सामान्य कटोरी की नाप के बराबर सोयाबीन की वड़ी लें। एक भगोने में पानी उबालें और उसमें वड़ियों को डाल कर एक उबाल तक पकाएं। आंच बंद कर दें। थोड़ी देर वड़ियों को नरम होने के लिए छोड़ दें।

अब करीब सौ ग्राम हरे सोया को मिक्सर में पीस लें। सोयाबीन की वड़ियों को पानी से छान कर निकाल लें और दोनों हाथों की हथेलियों पर रख कर उनका सारा पानी निचोड़ दें। इन वड़ियों को एक बड़े कटोरे में रखें और इनमें पिसा हुआ सोया पत्ता डालें। ऊपर से एक कटोरी दही फेंट कर डालें। इसी में एक चम्मच गरम मसाला, आधा चम्मच कुटी लाल मिर्च, आधा चम्मच नमक और चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और कम से कम पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें।

दो मध्यम आकार के टमाटर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। एक कुकर में तीन-चार चम्मच खाने का तेल गरम करें। उसमें एक छोटा टुकड़ा दालचीनी, एक तेजपत्ता, आधा चम्मच साबुत धनिया, चौथाई चम्मच जीरा, इतनी ही मात्रा में सौंफ और अजवाइन का तड़का दें। चुटकी भर हींग भी डाल सकते हैं। फिर कटे हुए टमाटर डाल कर तेल छोड़ने तक चलाते हुए पकाएं। इसके बाद कटे हुए बैगन डालें और आधा चम्मच नमक डाल कर नरम होने तक पकने दें। इस तरह मसालों की खुशबू बैगन में घुल जाएगी।

अब मैरीनेट की हुई सोयाबीन वड़ियों को डालें और चौथाई गिलास पानी डाल कर अच्छी तरह मिलाएं। कुकर पर ढक्कन लगा दें और मध्यम आंच पर दो सीटी आने तक पकाएं। लाजवाब, खुशबूदार सोया बैगन वड़ी की सब्जी तैयार है। अदरक और हरी मिर्च से सजा कर रोटी या परांठे के साथ गरमागरम परोसें।