एक तरफ कोरोना संक्रमण का अब भी बरकरार खतरा तो वहीं दूसरी तरफ गर्मी और उमस की मार, ऐसे में मन और सेहत दोनों की संभाल काफी चुनौती भरी हो गई है। इस दौरान देर-सबेर मानसून जरूर देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गया है पर इससे गर्मी के साथ उमस की समस्या भी काफी बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को सेहत की भी कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। बेहतर हो कि हम अपने को ऐसी स्थिति में एक तो असहज न होने दें, दूसरे सेहत के लिहाज से अपनी दिनचर्या और खानपान का खास खयाल रखें। अलबत्ता इन दिनों में होने वाली सेहत की कुछ सामान्य समस्याओं से अवगत रहना भी जरूरी है क्योंकि इससे इनके बचाव में हमें मदद मिलेगी।

पानी और परेशानी
ऐसे दिनों में जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं से लोग आमतौर पर जूझते दिखाई पड़ते हैं। वैसे इस बारे में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता कुछ बातों का ध्यान रखकर हम इस तरह की समस्याओं से खुद को दूर रख सकते हैं। खासतौर पर फ्रिज का ज्यादा ठंडा किया हुआ पानी पीने से बचें। सादा पानी पीना ही सुरक्षित है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि जो पानी आप पी रहे हैं, कहीं वो दूषित तो नहीं है। अगर ऐसा है तो शुद्ध पेयजल का बंदोबस्त आपको फौरी तौर पर कर लेना चाहिए। यह भी कि शीतल पेय के नाम पर बाजार में इन दिनों काफी चीजें उपलब्ध हैं। इनका सेवन न या कम से कम करना चाहिए। अन्यथा सेहत की कई तरह की समस्याओं को हम खुद ही आमंत्रित कर लेंगे।

उमस के मौसम में लोग बार-बार नहाना चाहते हैं। लेकिन बार-बार नहाने से जुकाम होने का खतरा हो सकता है। शाम में या रात को सोते वक्त नहाना ज्यादा जरूरी लगे तो हल्के गर्म पानी का इस्तेमाल करें। रात में नहाने के तुरंत बाद तेज पंखे या एसी कमरे में शरीर को न सुखाएं। कोशिश करें कि स्नानघर से तौलिए से अच्छे तरीके से देह सुखा कर ही निकलें। अगर बालों को गीला किया है तो उसके पूरी तरह सूखने के बाद ही बिस्तर पर सोने के लिए जाएं नहीं तो एसी चलने से गीले बालों के कारण जुकाम या सिरदर्द की समस्या हो सकती है।

पहनावे का ध्यान
उमस वाले दिनों में त्वचा की देखभाल भी जरूरी है। खासतौर पर पसीने से होने वाली परेशानी से बचने के लिए सूती और ढीले कपड़ों को ही तरजीह दें। कपड़ों में सख्त बंधन जितना कम हो, उतना बेहतर। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के कपड़ों पर भी ध्यान दें। बच्चों को खेलने-कूदने के कारण पसीना ज्यादा आता है तो बुजुर्गों के एक जगह ज्यादा देर बैठे रहने या फिर लेटे रहने के कारण शरीर के खास अंगों पर पसीने का ज्यादा प्रभाव पड़ सकता है।

अगर बुजुर्ग और बच्चे आप पर निर्भर हैं तो पसीने की सफाई का खास खयाल रखें। पसीना आने वाली जगहों पर दिक्कत आ रही है तो चिकित्सक की सलाह से पाउडर या किसी अन्य मलहम का इस्तेमाल करें। बुजुर्गों की त्वचा से संबंधी दिक्कतों को शुरू में नजरअंदाज करेंगे तो यह बाद में उनके लिए काफी तकलीफदेह भी हो सकती है।

मच्छर का आतंक
बरसात के साथ मच्छरों का भी आतंक काफी बढ़ जाता है। लिहाजा इस बारे में सावधानी जरूरी है। अपने आसपास पानी जमा न होने दें। खासतौर पर कूलर के पानी की सफाई का खास ध्यान रखें। इन दिनों लोग बरामदे और छतों पर बागवानी भी खूब कर रहे हैं। ध्यान रखें कि गमलों या कहीं और पानी नहीं जमा हो ताकि डेंगू के मच्छर पनप नहीं पाए। दरवाजों और खिड़कियों की जालियां दुरुस्त रखें। बच्चों और बुजुर्गों के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

एक बात जो खासतौर पर सब लोगों को समझनी चाहिए वह यह कि मच्छर भगाने के रासायनिक पदार्थों के इस्तेमाल से बेहतर है कि रात में सोते समय सभी मच्छरदानी का ही इस्तेमाल करें। हाउसिंग सोसायटी या मोहल्ले की गलियों में समय-समय पर फॉगिंग करवाएं।

जरूरी हिदायत
-उमस ज्यादा हो तो इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी ओर से ज्यादा पसीना न बहाएं। बहुत देर तक पसीना बहाने वाला व्यायाम घातक हो सकता है। कसरत के बाद नींबू पानी और नारियल पानी का सेवन करें। पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं।
-खाने में फल और सलाद की प्रचुर मात्रा लें। ज्यादा तेल मसालों और चटपटे खाने से परहेज करें। मौसमी सब्जियों का अपनी रुचि और सेहत की खास जरूरतों के हिसाब से इस्तेमाल करें।

(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें)