सत्ता मिलते ही चेहरे खिल गए। तिलक लगाए हरीश रावत अपने समर्थकों से घिरे परम प्रसन्न दिखे। खबर आई कि एटार्नी जनरल ने अदालत से कहा कि केंद्र राष्ट्रपति शासन हटा लेगा और हरीश रावत मुख्यमंत्री बने रहेंगे। समर्थक दोपहर में पटाखे बजाते नजर आए। लेकिन एक निर्लज्ज चेहरा भी रहा, जो मीडिया के लाख कोसने के बाद भी दुखी नजर नहीं आया और जब नजर आया तब मस्त नजर आया! एक चैनल के अनुसार यह चेहरा ‘भगोड़ाश्री’ माल्याजी का चेहरा रहा। आदरणीय जब भी दिखे बढ़िया डिजाइंड बुश्शर्ट या टी शर्ट में सिर पर हैट लगाए, अमीर दोस्तों के बीच गपियाते दिखे। एक स्टॉक शॉट में वे किंगफिशर के कलेंडर में लेटी एक से एक सेमी न्यूड सुंदरियों के पेजों को इस प्यार से पलटते दिखते थे मानो उनके कपड़े पलट रहे हों। एकदम दुर्लभ रास विलास! सुखी आदमी हो तो माल्याजी जैसा! ऐसे सुखी मनुष्य को महान ब्रिटेन प्रत्यर्पित कैसे करे?
यों तो अपने यहां एक से एक क्रांतिकारी चैनल और एंकर हैं, लेकिन इस सुखी आदमी को प्रत्यर्पित कराने के लिए किसी ने अभियान नहीं चलाया! क्या सभी क्रांतिकारी किंगफिशर के विज्ञापनी अहसानों से दबे हैं? एक सहज प्रसन्न चेहरा टीना डाबी का दिखा, जिसने आइएएस के इम्तहान में टॉप किया। एबीपी पर प्रसन्न विह्वल टीना ने अपनो चेहरा खुशी में स्टाइल से हिलाया और कहा कि यह सब मां की प्रेरणा से हुआ।
एबीपी चैनल पर किशोर अजवानी ने इस आइएएस टॉपर और उसके बरक्स कोटा में आत्महत्या करने वाली छात्रा कृति की तस्वीर को आमने-सामने रख कर उस विडंबना को जरूर रेखांकित किया, जिसके चलते आइआइटी जेइ के तनाव से ग्रस्त होकर कृति ने आत्महत्या कर ली और बाद में मालूम हुआ कि वह एक सौ चालीस नंबर लेकर पास हुई! उसने अपने आत्महत्या नोट में जो लिखा वही सबक देने वाला लगा। उसने लिखा कि मैं साइंस पढ़ना चाहती थी, लेकिन माता-पिता ने चाहा इंजीनियरिंग करूं। ऐसा भाई के साथ न होने देना और कि इन कोचिंग सेंटरों को बंद कर देना चाहिए!
किसी क्रांतिकारी एंकर ने इन कोचिंग सेंटरों को नहीं कोसा! केस चलाने में इसी तरह सेलेक्टिव रहते हैं हमारे चैनल कि पचास बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं कोटा में और एक भी चैनल के पास इन आत्महत्याओं के खिलाफ कोई अभियान नहीं है!
सप्ताह का सबसे हिंसक चेहरा रॉकी यादव का रहा। और सबसे करुण चेहरे आदित्य के माता-पिता के रहे। टाइम्स नाउ के एंकर ने अपनी पीठ ठोंकी कि अगर उसने ‘रॉकी को गिरफ्तार करो’ अभियान न चलाया होता तो रॉकी को चौवन घंटों बाद भी न पकड़ा गया होता! ऐसा ही दावा एक हिंदी चैनल ने भी किया। किस-किस चैनल ने रॉकी को पकड़वाया यह अपने आप में शोध का विषय हो गया!
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वीजी ने दिल्ली और पठानकोट में ‘जंगलराज’ देख लिया, तो हंगामा बरपा हो गया। चैनल चौंके कि ‘जंगलराज’ बिहार से निकल कर दिल्ली तक कैसे आ गया? एक अंगरेजी एंकर ने हिंदी में बताया कि ऐसा बयान ‘जले पर नमक छिड़कने’ की तरह था। इसीलिए सर्वाधिक न्यायप्रिय चैनल ने मार डाले गए आदित्य के माता-पिता को बीच बहस में बिठा कर जेडीयू-आरजेडी के प्रवक्ताओं की ऐसी धुनाई कराई कि प्रवक्ता अवाक रह गए। अजय आलोक जरा मुंह खोलते तो एंकर का गोला बरसता। भाजपा के प्रवक्ता का अलग बरसने लगता।
आहत माता-पिता के आगे बोलना यों भी अपराध जैसा लगता। माता ने मांग की कि ‘लिख कर दीजिए’ कि रॉकी को ‘फास्ट कोर्ट से सजा मिले’। यह लिख कर दिया नहीं जा सकता था और न देना अपराध बराबर था। यह आयोजन का ‘डबल पिंसर’ था। अदालत तो अपराधी का पक्ष भी सुनती है, यहां जिसे ‘अपराधी’ या उसका ‘साथी’ मान लिया गया, उसको बोलने का हक नहीं होता। अंत में एंकर ने आश्वासन दिया कि हम आपके साथ हैं और जब तक सजा नहीं मिल जाती, साथ रहेंगे! बाजी एंकर के हाथ रही।
अगस्ता घोटाले का एक ‘बदनाम’ चेहरा इंडिया टुडे पर दिखा। नाम रहा क्रिश्चियन मिशेल। दुबई से एक वीडियो में बोलता था मिशेल कि वह मनमोहन-सोनिया या एंटनी से नहीं मिला। कांग्रेस ने कोई दबाव नहीं डाला। हेश्चके पर उसे हमेशा संदेह रहा!… इडिया टुडे ने इस एक्सक्लूसिव साक्षात्कार को तीन-चार बार बजाया।
सप्ताह का सबसे तीखा चेहरा अरुण शौरी का नजर आया। उनसे करन थापर ने जो बातचीत की वह सुनने-देखने लायक थी। शौरी ने मोदी सरकार के दो साल की उपलब्धियों की बखिया उधेड़ कर रख दी। मोदीजी में ‘नार्सिसिज्म’ (आत्मरतिवाद) है। इस प्रसंग में उनने आशीष नंदी के हवाले से कैसानोवा का उदाहरण दिया कि जिस तरह कैसानोवा हर रात सोचता था कि वह आज भी जीतेगा, उसी तरह का भाव रहता है उनमें। इसी का विस्तार है उनका ‘यूज एंड थ्रो’ का रवैया। इस्तेमाल करो और फेंक दो। यहां हर आदमी एक टूल है, औजार है। सेल्फ प्रोजेक्शन ज्यादा है। आसपास कमअक्ल लोग हैं, जो उनको हां में हां मिला सकें। रिमोर्सलेस हैं। जब पूछा कि आपकी तल्खी इसलिए तो नहीं कि आपको मंत्री पद नहीं मिला, तो शौरी ने कहा कि तुम जानते हो मेरी पत्नी बीमार रहती हैं, बेटा विकलांग है, मैं उनकी दूरदृष्टि की दाद देता हूं कि उनने मुझ जैसे को न रखा! (यानी मेरी तो निभती ही नहीं)। सोमवार के दिन ताबड़तोड़ दो प्रेस कान्फ्रेंसों ने सबको सजग कर दिया।
पहली भाजपा की, जिसमें अमित शाह, अरुण जेटली जैसे टॉप के नेताओं ने पीएम की मार्क्सशीट और डिग्री की कॉपी दिखा कर कहा कि ये असली हैं, इसलिए केजरीवाल माफी मांगें। जवाबी प्रेस कान्फ्रेंस में आप पार्टी के आशुतोष ने कहा कि ये फर्जी हैं, इसके लिए भाजपा माफी मांगे। बुधवार (11 मई) को सुबह से शाम तक केरल के सीएम चांडीजी केरल की तुलना सोमालिया से करने के कारण मोदीजी से माफी मांगने की मांग करते रहे।
तमिल चुनाव को कवर करते राजदीप सरदेसाई ऐसी जगह पहुंचे, जहां कुछ लोग तमिल उच्चारण में हिंदी में भारत माता की जय बोलते दिखते थे। राजदीप ने एक से पूछा कि तमिल देश में आपका ऐसा भारत माता की जय बोलना यहां के और लोगों को कैसा लगता है? तो जवाब मिला कि अब तमिल के लोग समझने लगे हैं कि वे भी भारत में रहते हैं।
एक बार फिर नौ हजार करोड़ का आदमी दिखा। एक चैनल एक लाइन देकर कह रहा था कि इस आदमी को पकड़ने के लिए रेडकार्नर नोटिस जारी हुआ है! इसके बावजूद वह नौ हजार करोड़ का आदमी धूप का चश्मा लगा कर कभी अर्धनग्न सुंदरियों से लिपटता चिपटता कभी नंगे कलेंडर पलटता दोस्तों के बीच चहकता-लहकता दर्शकों को फिर-फिर चिढ़ाता रहा।