एक बड़ी खबर : एसआइटी ने कहा, लखीमपुर खीरी की हत्याएं गैर-इरादतन नहीं थीं! इस बारे में रिपोर्टर ने जब आरोपित पुत्र के पिता मंत्री जी से पूछा तो मंत्री जी ने गुस्से में रिपोर्टर का कालर पकड़ लिया और कहा : ‘बेवकूफी के सवाल करते हो… दिमाग खराब है क्या?…फोन बंद कर दे…’
इस पर कई भक्त चैनल तक नाराज नजर आए! वे लाइन लगाते रहे : ‘दिल्ली से लखनऊ तक शोर! मंत्री को हटाने की मांग चारों ओर!’
भक्त प्रवक्ता : कानून अपना काम कर रहा है! संसद में राहुल : मंत्री इस्तीफा दे। सरकार इस्तीफा ले। नहीं तो संसद बाहर ‘गांधी शरणम् गच्छामि’!
भक्त प्रवक्ता : कानून अपना काम कर रहा है! एक भक्त एंकर : आपकी कोई नैतिकता है कि नहीं? आज कालर पकड़ा, कल पिस्तौल चलाएंगे क्या? चैनल पर लाइन : गालीबाज ‘टेनी’ की गद्दी कब जाएगी? भक्त प्रवक्ता : कानून अपना काम कर रहा है!
पीएम की गंगा में डुबकी और भव्य काशी विश्वनाथ कारीडोर का दिव्य दिव्य दिव्यार्पण! फिर विश्वनाथ जी का अभिषेक और संबोधन : कोई औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी आते हैं… काशी का विकास देश का विकास! हर हर महादेव, हर हर महादेव, हर हर महादेव!!
इसे देख राहुल भैया नाराज होकर कह उठे : उनकी डुबकी डुबकी और किसी की डुबकी डुबकी नहीं, क्योंकि उनके साथ दो तीन ‘पूंजापतियों’ का हाथ है! राहुल आजकल जब बोलते हुए ऊपर की ओर देखते हैं, तो आधा वाक्य बोल कर अटल की तरह रुकते हैं, तो इतना अधिक सोच जाते हैं कि ‘पूंजीपति को ‘पुंजापति’ कह जाते हैं!
ऐसे ही उस दिन राहुल भैया कांग्रेसियों को हिंदू और हिंदुत्व का भेद समझाते हुए बोले, जो कई चैनलों पर लाइव कवर हुआ कि हिंदू डरता नहीं और न मारता है। हिंदुत्ववादी डरता है और मारता है। गांधी हिंदू हैं गोडसे हिंदुत्ववादी है, जिसने तीन गोली मारी! कांग्रेस हिंदू, भाजपा हिंदुत्ववादी!
राहुल भैया, आप जितना हिंदू हिंदू करोगे अंतत: हिंदुत्व की सेवा करोगे!
लेकिन पीएम सबके निशाने पर रहे! गंगा स्नान पर ममता का कटाक्ष : गंगा में नहा कर गंगा को मैला किया! फिर अखिलेश का कटाक्ष : दो महीने रह गए हैं, अंत में यहीं (काशी) आना है…
फिर इस पर हुई हाय हाय कि ये क्या कुबोल बोल रहे हो? इसके बाद अखिलेश ने दी सफाई कि मैं उनके लंबे जीवन की कामना करता हूं!
पहले शाप शाप शाप फिर माफ माफ माफ!
अखिलेश को आजकल अच्छी भीड़ें मिल रही हैं, इसलिए फार्म में हैं और कुछ चुटीले नारे भी देने लगे हैं, जैसे कि ‘भाजपा ने क्या दिया? दिक्कत, किल्लत और जिल्लत!’
भाजपा के पास ऐसे एक लाइनी नारे अभी नहीं दिखते! आसन्न चुनावों ने हिंदी बहसों को इतना गरम कर रखा है कि हर बहस गाली-गलौज में बदल जाती है। ऐसी ही एक बहस का एक नमूना :
विपक्षी प्रवक्ता : खीरी की हत्याएं साजिश थीं। मंत्री को बर्खास्त करें। भक्त प्रवक्ता : चौरासी में सिखों की हत्याओं के लिए एक नरपिशाच ने कराई थीं…
विपक्षी प्रवक्ता गुस्से में : यह भाजपा प्रवक्ता राजीव गांधी को नरपिशाच कहता है, मुझे घोर आपत्ति है, जिसने देश के लिए कुर्बानी दी… मुझे अच्छा लगता है जब ये मुझे गाली देता है।
‘मुझे आपने नीच कहा?’
‘तू चुप रह, तू गाली खाने लायक है। तू झूठ बोलेगा तो गाली खाएगा। दलाल है नंबर वन का… मेरे नेताओं को गाली देगा तो गाली खाएगा… इसके बाद एंकर ने दोनों के माइक बंद कर दिए!
बांग्लादेश की पचासवीं वर्षगांठ ओछी राजनीति का शिकार बनी! संसद में हंगामा रहा! बांग्लादेश के संदर्भ में इंदिरा गांधी का नाम नदारद रहा! अटल के लिए 71 में जो ‘दुर्गा’ रहीं, 2021 में ‘मुर्गा’ भी न रहीं! हाय!!
सप्ताह की आखिरी लफंगई तब सामने आई जब कर्नाटक विधानसभा में रेप को लेकर यह ‘निंदनीय वाक्य’ कहा गया और नेताओं द्वारा उस पर देर तक हंसा गया कि रेप होना हो, तो लेट जाओ और उसे एन्जाय करो!
चलत चलते : एक चैनल की अपराह्न की हिंदी बहस में संसद में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को अठारह से इक्कीस साल करने के मंत्रिमंडल प्रस्ताव पर फिर एक बार ‘तत्ववादी’ विरोध में नजर आए और इनके बरक्स भाजपा बड़ी ‘उदारवादी’ नजर आई!