Guru Pradosh Vrat 2024: शास्त्रों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। आपको बता दें कि साल में कुल 24 प्रदोष पड़ते हैं। जिसमें एक शुक्ल पक्ष का तो वहीं दूसरा कृष्ण पक्ष का। मान्यता है जो व्यक्ति पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा- अर्चना करता है। उसको मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख- समृद्धि जीवन में बनी रहती है। वहीं यहां बात करने जा रहे हैं आषाढ़ माह शुक्ल पक्ष गुरु प्रदोष व्रत के बारे में, जो इस बार 18 जुलाई को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व…

गुरु प्रदोष व्रत तिथि

वैदिक पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई को रात 08 बजकर 43 मिनट पर आरंभ होगी और 19 जुलाई शाम 07 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगी। प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसलिए प्रदोष प्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा।

गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार 18 जुलाई को शुभ मुहूर्त  08 बजकर 44 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है। इस बीच में आप भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना कर सकते हैं।

बन रहे हैं दुर्लभ योग

 गुरु प्रदोष व्रत के दिन कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। आपको बता दें कि इस दिन ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस दिन रवि योग और शिववास योग भी बन रहा है। ज्योतिष में इन योगों को विशेष माना गया है। साथ ही मान्यता है कि इन योग में भोलेनाथ संग मां पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

जानिए धार्मिक महत्व

गुरुवार के दिन पड़ने से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से भोलेनाथ के साथ- साथ गुरु बृहस्पति की कृपा भी प्राप्त होती है। साथ ही जिन लोगों के विवाह में अड़चन आ रही हो तो इस व्रत को रखने से विवाह के योग बनते हैं। वहीं जीवन में धन- संपन्नता बनी रहती है। 

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