Chaitra Navratri March 2023 Day 1 Devi Maa Shailputri Mantra, Arti, Vrat Katha, Puja Vidhi in Hindi: आज नवरात्रि का प्रथम दिन है और आज के दिन कलश स्थापना के बाद पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। वहीं मां शैलपुत्री सफेद वस्त्र धारण किए हुए हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है। मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। साथ ही उनकी सवारी नंदी की है। शैलपुत्री मां के वृषोरूढ़ा और उमा भी नाम हैं। मां शैलपुत्री के इस रूप को करुणा और स्नेह का प्रतीक माना गया है। आइए जानते हैं घट स्थापन का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा- विधि…

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Shubh Muhurat) 

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, बुधवार, दिनांक 22 मार्च 2023 को बसंत नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। अत: इसी दिन द्विस्वभाव लग्न में प्रात: काल घट स्थापना होगी।

  1. प्रात: 06:33 से प्रात: 07:40 (सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त)
  2. प्रात: 11:14 से दोपहर 12:10 (द्विस्वभाव मिथुन लग्न)
  3. प्रात: 06:33 से प्रात: 09:33 (लाभ-अमृत का चौघड़िया)
  4. प्रात: 11:04 से दोपहर 12:10 (शुभ का चौघड़िया)

नोट :- इस दिन बुधवार होने से अभिजित मुहूर्त (दोपहर 12:10 से दोपहर 12:58) को टालना चाहिए।

इस विधि से करें पूजा- अर्चना

नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। साथ ही मां शैलपुत्री की तस्वीर या मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित कर दीपक प्रज्जवलित करें। वहीं मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं बहुत पसंद हैं। इसलिए चंदन-रोली से टीका कर मां की प्रतिमा पर सफेद वस्‍त्र और सफेद फूल अर्पित करें। बाद में शैलपुत्री माता की कथा करें और दुर्गा सप्शती का पाठ करें।

मां शैलपुत्री के मंत्र:

-ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
-वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

मां शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

इन चीजों का लगाएं भोग

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप माता को गाय के दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं।

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