Garud Puran About Money: शास्त्रों में कुल 18 पुराणों का वर्णन मिलता है। इन पुराणों में सबसे अहम है गरुण पुराण। आपको बता दें कि गुरुण पुराण का वाचन तब किया जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। गरुड़ पुराण जीवन और मृत्यु के सभी रहस्यों को प्रकट करता है, पुनर्जन्म और मानव आत्माओं, नरक और भयानक दंडों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। साथ ही जीवन को पूरी तरह जीने और सही रास्ते पर चलने का तरीका भी बताया गया है। यहां हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अगर आपने नहीं छोड़ा तो आप कंगाल हो सकते हैं। साथ ही मां लक्ष्मी रुष्ट हो सकती है और आपके जीवन में दरिद्रता छा जा सकती है। आइए जानते हैं ये आदतें कौन सी हैं…
किचन में नहीं छोड़े झूठे बर्तन
किचन में कभी गंदे और इस्तेमाल करने वाले बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। साथ ही घर में निगेटिविटी का वास रह सकता है। वहीं मां लक्ष्मी नाराज भी हो सकती है। इसलिए अगर गरुण पुराण के अनुसार आप किचन में झूठे बर्तन छोड़ते हैं, तो आपके जीवन में दरिद्राता छा सकती है। इसलिए बर्तनों को साफ करने ही सोना चाहिए।
सुबह जल्दी उठने की डालें आदत
गरुण पुराण के अनुसार जो लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं, उनके जीवन में दरिद्रता छा सकती है। साथ ही देर से उठने वाले लोग आलसी प्रवृति के होते हैं और उन्हें जीवन में कभी तरक्की नहीं मिलती। वहीं ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं। इसलिए ऐसे लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है।
स्वच्छ वस्त्र करें धारण
आपने देखा होगा कि कुछ लोग काफी दिनों तक गंदे कपड़े पहने रखते हैं, जो कि गलत है। क्योंकि क्योंकि मां लक्ष्मी को स्वच्छता पसंद है और जहां साफ-सफाई होती है, वहीं उनका वास होता है। लेकिन गंदगी में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता। इसलिए सुबह स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र ही पहनने चाहिए। इससे धन की देवी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा आप पर बना रहेगा।
मां लक्ष्मी हो जाती हैं रुष्ट
गरुण पुराण के अनुसार जो लोग दूसरों की संपत्ति छल या कपट से छीन लेते हैं। ऐसे लोगों से मां लक्ष्मी कभी प्रसन्न नहीं होती है। साथ ही इन्हें कभी भी सच्चे सुख का अनुभव नहीं होता है। वहीं मां लक्ष्मी उन लोगों को नापसंद करती हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए दूसरों की संपत्ति को कभी बलपूर्वक या धोखे नहीं छीनना चाहिए।