दिल्ली में आप सरकार से लेकर उपराज्यपाल और बीजेपी तीनों ही शराब नीति पर छिड़े विवाद में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हैं। शनिवार (6 अगस्त) को इस मामले में दो बड़े एक्शन देखने को मिले। एक तरफ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब नीति बनाने में एलजी की इजाजत का हवाला दिया तो वहीं एलजी ने तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि जब ऑक्सीजन की कमी थी, तब दिल्ली सरकार शराब को लेकर मीटिंग कर रही थी।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने ट्वीट किया, “दिल्ली में विपक्ष की असली भूमिका निभा रही कांग्रेस के सवालों का जवाब नहीं है आम आदमी पार्टी के पास। लेकिन हम जनहित में इनके एक-एक झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे। जब दिल्ली Oxygen Crisis से जूझ रही थी तो केजरीवाल सरकार शराब को लेकर मीटिंग पर मीटिंग कर रहा थी।” इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार के एक सर्कुलर और आम आदमी पार्टी के ट्वीट को भी शेयर किया है।

केजरीवाल-भाजपा साथ: अनिल चौधरी ने एक और ट्वीट में लिखा, “दिल्ली मास्टर प्लान-2021 की धज्जियाँ उड़ाई गई। DDA तथा MCD से सर्टिफिकेट लेने की शर्त भाजपा नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए सिसोदिया-पूर्व LG ने मिल कर ड्राफ्ट में बदलाव किया। कांग्रेस आवाज उठा रही थी तो केजरीवाल-भाजपा साथ खड़े थे। सिसोदिया जेल के मुहाने पर है तो अब याद आ रही है?” इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी का एक ट्वीट शेयर किया जिसमें लिखा है कि BJP जिस तरह LG के बचाव में उतरी है, उससे कई सवाल उठते हैं।

11 अधिकारी सस्पेंड: शनिवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा समेत 11 अधिकारियों को आबकारी नीति को लागू करने में चूक करने पर सस्पेंड कर दिया है। एलजी ने कहा कि यह आदेश संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक की वजह से लिया गया है। इसमें टेंडर देने में अनियमितताएं पाए जाने और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ देना शामिल है।

इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल की दो बार इजाजत लिए जाने के बाद ही शराब नीति बनाए जाने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि एलजी ने अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर अपना रुख अचानक बदला जिससे सारी गड़बड़ी हुई और कई जगह दुकानें खुल नहीं पाई।

आप ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “कुछ Liquor Shop Owners को फ़ायदा पहुंचाने के लिए LG ने लिया U-TURN। LG ने ख़ुद की मंज़ूर की हुई पॉलिसी 48 घंटे पहले बदली। LG के निर्णय से सरकार को हज़ारों करोड़ का नुक़सान और कुछ दुकानदारों को हज़ारों करोड़ का फ़ायदा हुआ। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने की CBI जांच की मांग।”

एलजी ने की थी CBI जांच की सिफ़ारिश: एलजी विनय कुमार सक्सेना ने पहले ही आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। 17 नवंबर 2021 को लागू की गई नई आबकारी नीति के तहत 849 शराब की दुकानों के लिए निजी फर्मों को खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे। इस नीति पर घमासान के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस ले लिया है।