पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद BJP (भारतीय जनता पार्टी) के पत्ते बिखर रहे हैं। कभी नेता, तो कभी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता खिन्न हो दल बदल कर रहे हैं। जो नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC (तृणमूल कांग्रेस) में आ रहे हैं, उनका पार्टी सदस्यता दिलाए जाने से पहले एक किस्म के शुद्धिकरण का सामना करना पड़ा है। फिर चाहे वह गंगाजल के जरिए हो, सिर मुंडवाना पड़ा हो या फिर सैनिटाइजर का छिड़काव हो।
ताजा मामला बीरभूम जिले से जुड़ा है। गुरुवार भाजपा के करीब 150 कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा सेनेटाइजर का छिड़काव किए जाने के बाद उन्हें तृणमूल में शामिल किया गया। टीएमसी के प्रखंड स्तर के सदस्य दुलाल राय ने बताया कि इलामबाजार में एक मंच बनाया गया था, जहां भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं पर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया, फिर उसके बाद स्थानीय नेताओं ने उन्हें तृणमूल का झंडा थमाया। हालांकि, राय ने आगे कहा, ‘‘भाजपा के लिए जो कार्य कर रहे थे, वे वायरस से संक्रमित हो गये थे…उन्हें वापस लेने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना पड़ा कि वे संक्रमणरहित हो जाएं क्योंकि हमारा लक्ष्य वायरस से मुक्ति पाना है।’’
TMC में शामिल होने से पहले 150 BJP कार्यकर्ताओं को सैनेटाइजर से किया गया ‘साफ’ #WestBengal #MamataBanerjee pic.twitter.com/74VREeAB0O
— News24 (@news24tvchannel) June 24, 2021
उधर, भाजपा के जिला अध्यक्ष ध्रुव साहा ने दावा किया कि उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘तृणमूल कांग्रेस’ में शामिल करने के लिए उनके साथ जोर जबर्दस्ती की गयी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी अपनी मर्जी से भाजपा से तृणमूल में नहीं गया है।’’ साहा ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा के आरोपों से बचने के प्रयास के तहत तृणमूल नेता ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को तृणमूल में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
बता दें कि दो दिन पहले हुगली जिले में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 200 भाजपा कार्यकर्ताओं को विधानसभाचुनाव से पहले भगवा दल में चले जाने के पाप से मुक्ति के लिए सिर मुड़वाना पड़ा था। इससे पहले, 19 जून को बीरभूम में दीदी की पार्टी का हिस्सा बनने वाले कार्यकर्ताओं पर गंगाजल का छिड़काव किया गया था। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)