पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। दरअसल एक सभा के दौरान दिलीप घोष ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर राजनीतिक विरोधियों को ‘कपड़े उतारकर जूतों से पीटने’ की बात कही। घोष के इस बयान को लेकर विरोधी नेता उनकी आलोचना कर रहे हैं।

खबर के अनुसार, दिलीप घोष रविवार को उत्तरी परगना जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि “2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी का सफाया हो जाएगा। उन्हें हम जूते से मारेंगे, कपड़े उतार देंगे और फिर पिटाई करेंगे। मैं आपको बता दूं कि दिलीप घोष जो बोलता है वह करता है। मैंने आप लोगों से कहा नहीं था कि 2019 में टीएमसी सिमट कर आधे पर आ जाएगी? घोष ने इस दौरान पुलिस को भी निशाने पर लिया और कहा कि जो लोग पुलिस के बल पर आम लोगों को डराते हैं, हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। सरकार बनने के बाद हम ब्याज के साथ सब कुछ चुकता कर देंगे।”

दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि पुलिस का एक धड़ा सत्ताधारी टीएमसी के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘कुछ पुलिसकर्मी सत्ताधारी पार्टी की शह पर काम कर रहे हैं। मैं अपनी डायरी में सबकुछ नोट कर रहा हूं। जो भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं, उनका 2021 विधानसभा चुनाव के बाद हिसाब किया जाएगा।’

घोष ने अपने बयान में कहा कि “याद रखें कि एक साल बाद आपके साथ क्या होगा? क्या आप अपने परिवार और बच्चों का चेहरा नहीं देख सकते हैं। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। आपके बच्चे अपनी शिक्षा समाप्त करने में सक्षम नहीं होंगे। वो डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाएंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि वो प्रवासी श्रमिक बनें। हम उनके जीवन में शांति को नष्ट कर देंगे।”

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पुलिस फेसबुक पोस्ट के आधार पर भी गिरफ्तारी कर रही है। घोष के अनुसार, ‘वह बंगाल में फिर से लोकतंत्र लाना चाहते हैं, बिना लोकतंत्र के कोई भी राजनीति पार्टी चाहे वह कांग्रेस हो या सीपीआईएम या बीजेपी, नहीं टिक सकते। मैं सीपीएम और कांग्रेस के साथियों से अपील करता हूं कि वह साथ मिलकर परिवर्तन लाएं।’

घोष ने दावा किया कि ‘भाजपा राज्य में बदलाव के लिए लड़ रही है। 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की जान जा चुकी है और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक बंगाल में बदलाव नहीं आ जाता।’