उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ही हत्या में गिरफ्तार किए गए प्रशांत नट ने जुर्म कबूल लिया है। पुलिस के अनुसार, हिंसा के करीब तीन हफ्ते बाद गुरुवार (27 दिसंबर) को इंस्पेक्टर सुबोध के हत्यारे को पकड़ा गया। न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि, ‘पुलिस पूछताछ में प्रशांत ने अपना जुर्म कबूलते हुए बताया कि उसने इंस्पेक्टर पर पहले कलुआ नाम के आदमी ने कुल्हाड़ी से वार किया। किसी तरह वह भागे तो उनका पीछा कर घेर लिया गया और फिर मारा गया। इस दौरान कलुआ और प्रशांत के अलावा पांच अन्य लोग भी थे’।

मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि बुलंदशहर में हुई हिंसा में प्रशांत नट का कहीं भी नाम नहीं आया था। जिसे बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने भी स्वीकारा है। टाइम्स नाउ के अनुसार, प्रशांत नट की गिरफ्तारी पर प्रभाकर चौधरी ने बताया कि, ‘मामले की गिरफ्तार आरोपियों, जांच और लोकल इंटेलीजेंस के आधार पर एक व्यक्ति की पहचान की गई, जिसका नाम एफआईआर में नहीं था। उसके साथ घटना वाले दिन पांच से छह अन्य लोग का भी नाम एफआईआर नहीं था। स्थानीय लोगों से पूछताछ में प्रशांत के बारे में पता चला। घटना वाले दिन से ही यह परिवार के साथ फरार हो गया था’।

हिंसा में पहले जीतू नाम के फौजी का नाम सामने आया था। जीतू हिंसा की जगह पर मौजूद बताया गया था। इसके बाद मामले में आरोपी बनाए गए जीतू को यूपी पुलिस की एसटीएफ को सेना ने जीतू फौजी को मेरठ में सौंप दिया गया था। सैनिक जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

गौरतलब है कि, बुलंदशहर में 3 दिसंबर को कथित गौकशी के बाद हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। वहीं, भीड़ में शामिल सुमित नाम के एक युवक की भी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे साजिश करार दिया था। वहीं सुबोध के परिवार के एक सदस्य को नौकरी व मुआवजा देने की भी घोषणा की गई थी।