Anti-Romeo squads: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) के दूसरे कार्यकाल में छेड़खानी रोकने के लिए एंटी-रोमियो स्क्वॉड (Anti Romeo Squads) की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। राज्य की योगी सरकार ने महिलाओं के साथ छेड़खानी रोकने के लिए 2017 में एंटी-रोमियो स्क्वॉड का गठन किया था।
गणतंत्र दिवस (Republic Day) से पहले राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ के पहले 270 दिनों (2 अप्रैल, 2022 और 28 दिसंबर, 2022 के बीच) में एंटी-रोमियो दस्ते ने 4,231 मामले दर्ज किए और 5,585 लोगों को बुक किया। यह योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल के पहले 268 दिनों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। वहीं 22 मार्च, 2017 से 15 दिसंबर, 2017 के बीच 3,003 लोगों को बुक किया।
2017 और 2022 के आंकड़ों की तुलना से यह भी पता चला है कि राज्य में ‘ईव-टीजिंग’ के मामले भी ज्यादा दर्ज किए गए हैं। ईव-टीजिंग के मामले 2017 में जहां 7.97 लाख थे, वहीं 2022 में 14.56 लाख मामले सामने आए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा ने कहा कि एंटी-रोमियो स्क्वॉड महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य के हर जिले में सक्रिय हैं। स्क्वाड के सदस्य विभिन्न स्थानों पर जांच करते हैं और अगर कोई छेड़खानी में लिप्त पाया जाता है, तो उन्हें चेतावनी जारी की जाती है। माता-पिता की उपस्थिति में सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित मामले अक्सर दर्ज किए जाते हैं और गिरफ्तारियों भी की जाती हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने 2018 और 2020 में एंटी रोमियो स्क्वायड पर ऐसा डेटा साझा किया था।
2017 में भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में एक था एंटी रोमियो दस्ते का गठन
महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस तरह के दस्ते का निर्माण 2017 में भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में से एक था। एक एंटी-रोमियो दस्ते में एक महिला सहित कम से कम दो कांस्टेबल के साथ एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर शामिल होता है। यह दस्ता विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, सिनेमा हॉलों, पार्कों और महिलाओं के लिए असुरक्षित माने जाने वाले अन्य सार्वजनिक स्थानों पर गश्त करता है। पिछले साल सरकार की उपलब्धियों की ऐसी कोई सूची जारी नहीं की गई थी, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू थी।