साल 2020 में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप भारत दौरे पर आए थे तो आगरा में ताज महल देखने भी गए थे। अमेरिकी अफसर नहीं चाहते थे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), ट्रंप (Donald Trump) की आगवानी करें। इसकी वजह CM योगी की अल्पसंख्यक विरोधी छवि बताई गई थी। हालांकि भारतीय अधिकारियों ने कहा कि यह प्रोटोकॉल का हिस्सा है, इसके बाद अमेरिकी अफसर बेमन से सीएम योगी से ट्रंप की आगवानी के लिए तैयार हुए थे।
CM योगी से मिले गिफ्ट को बताया था सबसे बढ़िया तोहफा
लेखिका सीमा सिरोही ने अपनी नई किताब ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स: द इंडिया यूएसए स्टोरी’ (Friends with Benefits: the India US story) में इस घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि ट्रंप की अगवानी के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने उन्हें जो गिफ्ट दिया उसे देखकर अमेरिकी राष्ट्रपति बहुत खुश हुए थे और कहा था कि यह उन्हे मिला अब तक का सबसे बढ़िया गिफ्ट है। बता दें, योगी आदित्यनाथ ने ट्रंप और उनकी पत्नी मेलेानिया की ताजमहल के सामने खिंचाई खूबसूरत तस्वीर भेंट की थी।
अफसरों पर नाराज हो गए थे डोनाल्ड ट्रंप
सीमा सिरोही (Seema Sirohi) ने अपनी किताब में लिखा है कि डोनाल्ड ट्रंप, सीएम योगी आदित्यनाथ से गिफ्ट को लेकर इतने उत्साहित थे कि उसे जहाज में ही सबको दिखाना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें पता लगा कि गिफ्ट को अमेरिकी अफसरों ने सिक्योरिटी चेक के लिए पीछे छोड़ दिया है तो बेहद नाराज हुए थे। उन्होंने यह तक कह दिया था कि सीक्रेट सर्विस वाले इसे तोड़ देंगे।
ताज महल को बताया था शानदार विरासत
बता दें कि साल 2020 में जब राष्ट्रपति ट्रंप आगरा आए थे तब उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप, बेट इवांका और दामाद जारेड कुशनर (Jared Kushner) भी साथ थे। ट्रंप के स्वागत में यूपी सरकार ने तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए थे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने ट्रंप की आगवानी की थी। ताजमहल का दीदार करने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने विजिटर बुक में लिखा था कि ‘ताजमहल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक शानदार नमूना है…।’
फिर विवादों में हैं ट्रंप
आपको बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों फिर चर्चा में हैं। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप की एक कंपनी पर 16 लाख डॉलर का जुर्माना लगा है। उनकी कंपनी पर व्यापार से जुड़े दस्तावेजों में गड़बड़ी और कर चोरी का आरोप है। उधर, ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा है कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे।