सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को पिछले 10 साल से बच्चों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आरोपी जूनियर इंजीनियर ने बाल यौन शोषण से संबंधित सामग्री डार्क नेट पर दुनिया भर में बच्चों के यौन शोषण से जुड़े अन्य लोगों से शेयर की। उन्होंने कहा कि चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर जिलों में 5-16 वर्ष की आयु के लगभग 50 बच्चों का उत्पीड़न करने का आरोप है। सीबीआई से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को बांदा से गिरफ्तार किया गया था और जल्द ही सक्षम अदालत के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है।
तलाशी के दौरान, सीबीआई ने आठ मोबाइल फोन, लगभग आठ लाख की नगदी, सेक्स टॉयज, लैपटॉप, और बाल यौन शोषण सामग्री की बड़ी मात्रा में अन्य डिजिटल सबूत बरामद किए हैं। यह आरोप है कि जूनियर इंजीनियर पिछले 10 वर्षों से इस काम में लगा था। वह मुख्य रूप से विदेशों में डार्क नेट और क्लाउड सेवाओं का उपयोग करता था।
इनके जरिये ही वह बाल यौन शोषण सामग्री के जरिये अन्य पीडोफाइल के साथ संपर्क और शेयरिंग कर रहा था। अधिकारियों का कहना है कि समझा जाता है कि आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया था कि वह अपनी गतिविधियों के बारे में मुंह बंद रखने के लिए बच्चों को मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट रिश्वत के रूप में देता था।
मालूम हो कि देश के 2764 बाल गृह संस्थानों में बच्चों को शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार से बचाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं हैं। इस वजह से बच्चों को गंभीर ट्रॉमा की समस्या से गुजरना पड़ता है। यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से जारी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में दी गई है। यह संख्या देश के कुल बाल गृहों की करीब 40 फीसदी है।
देश के सभी बाल गृहों के लिए सोशल ऑडिट का आदेश साल 2018 में जारी किया गया था। इसके पीछे उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुजफ्फरपुर से लड़कियों के यौन उत्पीड़न की खबरों का सामने आना था। यह सोशल ऑडिट देश भर के 7163 बाल गृह संस्थानों में कराया गया था, जिनमें 2.56 लाख बच्चे रहते हैं।