Lok Sabha Election: अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड में आ गई है। रविवार को उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यकारी समिति की बैठक ने एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर बीजेपी को एक बार फिर सत्ता में लाने का संकल्प लिया। इसमें कहा गया कि गरीबों, युवाओं, महिलाओं, किसानों और मजदूरों की सेवा के प्रति राज्य सरकार के समर्पण से पार्टी ने पिछले साल लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीता है।

किया दावा, भाजपा के विजय रथ को नहीं रोक सकेगा विपक्ष

इसके साथ ही यह भी दावा किया गया कि पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रयास और लोगों के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 में लगातार तीसरी बार सत्ता में आएंगे और भाजपा के विजय रथ को रोकने की विपक्ष की कोशिशों का जनता करारा जवाब देगी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल राज्य में हुए लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में पार्टी की जीत पर प्रकाश डाला।

पिछली सरकारों पर बोला हमला

प्रदेश की पिछली सरकारों पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘जो लोग धार्मिक स्थलों की क्षमता को नहीं समझते थे वे कांवड़ यात्रा बंद कर देते थे और कहते थे कि राम जन्मभूमि के आस-पास एक परिंदा भी नहीं फड़फड़ाएगा। उन्होंने कहा, ‘जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया तो हमें एहसास हुआ कि विचार परिवार (आरएसएस सहयोगी) द्वारा शुरू किया गया आंदोलन सही दिशा में था।’

यूपी भाजपा अध्यक्ष ने मैनपुरी और खतौली में हार का भी किया जिक्र

इस दौरान, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने मैनपुरी और खतौली उपचुनाव में बीजेपी की हार का जिक्र करते हुए कहा कि इससे यह सीखने की जरूरत है कि 2024 के लिए और मेहनत करनी है ताकि सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हो। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत देखकर विपक्ष घबरा गया है और उन्हें संदेश मिला है कि दिल्ली उनके लिए दूर है। उन्होंने आगे कहा कि 2024 के चुनाव में पार्टी को सभी सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य हासिल करना है और उन सीटों को भी जीतना है, जिन पर पार्टी 2019 में नहीं जीत सकी थी।

अखिलेश पर लगाया ओबीसी विरोधी होने का आरोप

इस बीच, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्हें ओबीसी विरोधी करार दिया। मौर्य ने कहा, ‘अखिलेश एक ओबीसी नेता के रूप में उन्हें डिप्टी सीएम के तौर पर स्वीकार नहीं कर पाए हैं। यूपी में अखिलेश के प्रयोग फेल हो गए हैं। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी विफल रहे हैं। मायावती भी फेल हो गई हैं।’ मौर्य ने दावा किया कि सिर्फ भाजपा के प्रयोगों को सफलता मिली है।