केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने Coronavirus महामारी के मद्देनजर गुजरात के अहमदाबाद शहर में गुरुवार को सादगी भरे अंदाज में उत्तरायण उत्सव (मकर संक्रांति का त्योहार गुजरात में उत्तरायण के तौर पर मनाया जाता है) मनाया। शाह इस अवसर पर अपने गृह नगर की यात्रा पर थे। उन्होंने इसके अलावा पारिवारिक सदस्यों के साथ जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर परिसर में उस दौरान सुरक्षा के लिहाज से कड़े प्रबंध किए गए थे। बाद में उन्होंने शहर में अपने दो रिश्तेदारों के मकानों की छतों से पतंग उड़ाई।
गांधीनगर से लोकसभा सदस्य शाह ने दिन की शुरूआत परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर की। उन्होंने आरती की और परंपरा के अनुसार मंदिर में एक गाय और एक हाथी की भी पूजा-अर्चना की। शाह ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तरायण के पावन अवसर पर आज अहमदाबाद के सुप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। महाप्रभु जगन्नाथ सभी पर अपनी कृपा बनायें। जय जगन्नाथ!’’
केंद्रीय मंत्री ने इस बार यह उत्सव सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों के साथ मनाया, जबकि इससे पहले शाह इस अवसर पर समर्थकों के साथ पतंग उड़ाने के लिए एक स्थानीय भाजपा नेता के घर जाते थे।
शाह अपने रिश्तेदारों के घर गये तथा शहर में थालतेज और घाटलोदिया इलाकों में स्थित अपने रिश्तेदारों के मकानों की छतों से पतंग उड़ाई। वह दोनों स्थानों पर कुछ ही देर रुके, जहां उनके समर्थकों ने उनका अभिवादन किया। बता दें कि गुजरात सरकार ने खुले मैदान में या सार्वजनिक स्थानों पर पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

शाह ने अपनी पतंगबाजी से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर कीं, जिन पर टि्वटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। इनमें से कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की, जबकि कई ने समर्थन किया।
@Hanuman21119732 नाम के टि्वटर हैंडल्स से यह तक कह दिया गया कि ठंड के दौरान दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच सड़कों पर बैठें और शाह पतंगबाजी का लुत्फ ले रहे हैं?
— #I_Support_Farmers (@komalbela) January 15, 2021
Mota bhai patang ki bhi photo dalo jo aap uda rahe thepic.twitter.com/vwFtoQyVXc
— रोहित.विश्नोई (@The_Kafir_boy) January 14, 2021
@ChiragSheth369 ने कहा- सर, डोर पकड़े रहिएगा। जहां ढील देनी है…देना। पर घसीटने का समय आया तभी ढील मत देना। वरना आपकी पतंग भी कट जाएगी। उम्मीद है कि आप इस व्यंग्य को समझेंगे।
@Shunyagravity ने लिखा- डोर पकड़ने के अंदाज़ से पता चलता है भाईसाहब पतंगबाज़ भी रहे है, एक ज़माने के। तभी तो सबकी पतंग कटे जा रही है और हमारी चढ़े जा रही हैl ईश्वर आपको लम्बी उम्र दे, जिससे देश धर्म की पतंग सदैव अजय बन आकाश मे लहराती रहेl