आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों ही ‘फ्री की रेवड़ी’ के मुद्दे पर लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हैं। शनिवार (13 अगस्त) को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली में 200-300 ‘होहल्ला क्लीनिक’ हैं वो भी आधे डब्बे जैसे, जिसमें तीन आदमी भी नहीं बैठ सकते।

संबित पात्रा ने कहा कि ये केजरीवाल सरकार के ‘हो-हल्ला क्लीनिक’ मॉडल की पोल-खोल है। CM केजरीवाल के सरकारी स्कूलों में किसी AAP नेता का बच्चा नहीं पढ़ता, ना ही होहल्ला क्लीनिक में कोई आप नेता अपना इलाज करवाता है। खुद केजरीवाल सरकार में बैठे मंत्री-विधायक और उनके परिवार वालों ने इस साल 1.25 करोड़ का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कराया है।

मोहल्ला क्लीनिक में तीन आदमी भी नहीं बैठ सकते: बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “मोहल्ला क्लीनिक होहल्ला क्लीनिक ही है। अमेरिका के राष्ट्रपति सो नहीं पा रहे हैं क्योंकि वो आश्चर्यचकित हैं कि कैसे इतना होहल्ला क्लीनिक खुल गया। बोल रहे थे 1000 क्लीनिक खुलेंगे लेकिन 200-300 होहल्ला क्लिनिक ही खुले हैं वो भी आधे डब्बे जैसे, जिसमें तीन आदमी भी नहीं बैठ सकते। इसे खोलकर इतना होहल्ला मचा रखा है पूरे भारत में।”

इन क्लीनिक में पैरासिटामॉल तक नहीं था: पात्रा ने आगे कहा, “इसका प्रचार केरल, कर्नाटक और गुजरात में करते हैं। आप बीजेपी की बात मानें या ना मानें लेकिन हाईकोर्ट की बात तो मानेंगे। दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा था कि इन होहल्ला क्लीनिक का क्या फायदा जब आपदा के समय ये किसी का इलाज न कर पाएं।” उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के समय इन क्लीनिक में पैरासिटामॉल तक नहीं था।

खुद इनके मंत्री भी नहीं जाते इलाज कराने: संबित पात्रा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल कह रहे थे कि 30 हजार बेड हम आते ही जोड़ देंगे, लेकिन दिल्ली में 38 अस्पताल हैं दिल्ली सरकार के जिनमें कुल 12 हजार बेड्स हैं। ये बोल रहे थे कि इतनी अच्छी फेसिलिटी है कि विदेश से आने वाले भी अवाक रह जाते हैं। खुद इनके मंत्री और उनके परिवार के सदस्य भी नहीं जाते इलाज कराने।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 2015 में कहा था कि ऐसा स्कूल खोल देंगे कि जितने हमारे मंत्री और एमएलए हैं उनके बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ेंगे, कोई प्राइवेट स्कूलों में नहीं जाएगा। पर एक का बच्चा भी नहीं पढ़ रहा सरकारी स्कूलों में।