प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के एलान के बाद पार्टी खुद को नए सिरे से पुर्नगठित करने की कोशिश कर रही है। भाजपा के कई स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी की इस कोशिश का कुछ फायदा हो सकता है तो कुछ नुकसान भी, क्योंकि पार्टी की यह पहल उसे अल्पसंख्यक वर्ग से और दूर ले जा सकती हैं। इसकी मुख्य वजह है पार्टी के नए अध्यक्ष दिलीप घोष, जिनकी पहचान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक के रूप में रही है।

मालूम हो कि घोष की नियुक्ति के बाद प्रदेश भाजपा के तीन सर्वोच्च पदों पर आरएसएस के लोग हैं। इसमें अध्यक्ष पद के अलावा दो साधारण सचिव भी शामिल हैं। इन नियुक्तियों पर जानकारों का कहना है कि भाजपा एक ऐसे राज्य में अपने हिंदुत्व के मुद्दे को मजबूत करना चाहती है, जहां मुस्लिम आबादी कुल मतदाताओं की संख्या में एक तिहाई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यही चिंता सता रही है। उनका मानना है कि राज्य विधानसभा चुनाव में इस तरह अगर कोई ध्रुवीकरण हुआ, तो इसका सीधा फायदा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मिलेगा।

प्रदेश भाजपा के एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि बंगाल में चुनाव जीतने के लिहाज से अल्पसंख्यक मत सबसे महत्वपूर्ण हैं। तृणमूल कांग्रेस और माकपा दोनों ही पार्टियां अल्पसंख्यक का पत्ता खेल चुकी हैं। क्योंकि हिंदू मत कभी एक दिशा में नहीं जाते, हमें अल्संख्यक मतों में भी अच्छा-खासा हिस्सा चाहिए था।

उन्होंने कहा- हमारी पार्टी अल्पसंख्यकों का विश्वास हासिल करने के लिए धर्मनिरपेक्ष चेहरा कायम करते हुए चल रही थी। ऐसी स्थिति में जब कि आरएसएस के एक प्रचारक राज्य में पार्टी का नेतृत्व कर रहा हो, ऐसे में अल्पसंख्यकों का भरोसा हासिल करने की हमारी कोशिशों को झटका लग सकता है। इसके अलावा, दिलीप घोष संगठन में नए हैं और उनके पास राजनीति का अनुभव भी बहुत कम है।
हालांकि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता चंदन मित्र की माने तो बंगाल में उनका संगठन मौजूदा समय में कमजोर है। उन्हें उम्मीद है कि दिलीप घोष सत्ता में आने की कोई भी गंभीर कोशिश करने से पहले अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल संगठन को मजबूत बनाने में करेंगे। यहां यह बताना आवश्यक है कि मित्र को एक समय में प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनने के लिए बेहद मजबूत दावेदार माना जा रहा था।
इस बीच, आरएसएस नेताओं ने साफ कर दिया कि उन्हें कभी भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा से कोई दिक्कत नहीं थी। राहुल को भाजपा में राष्ट्रीय सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है।