Telangana MLA Poaching Case: तेलंगाना में टीआरएस (TRS) के चार विधायकों (MLA) को कथित तौर पर खरीद-फरोख्त की साजिश के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष को शुक्रवार (25 नवंबर, 2022) को तेलंगाना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन्हें नोटिस जारी करने पर 5 दिसंबर तक के लिए रोक लगा दी है। विशेष जांच दल (एसआईटी) आरोपों की जांच कर रहा है।

तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) के निर्देशों के बाद मामले की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष (BL Santosh) को दूसरा नोटिस (Second Notice) भी जारी किया था। जिसके बाद बीएल संतोष ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। बीएल संतोष अभी तक जांच दल के सामने पेश नहीं हुए हैं।

21 नवंबर को उन्होंने कहा था कि उन्हें पहला नोटिस नहीं मिला है, जिसकी तारीख 16 नवंबर थी। अदालत ने तब कहा था कि यह उन्हें ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिए भेजा जा सकता है। इसके बाद उन्हें 26 नवंबर या 28 नवंबर को पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने पेश होने को कहा गया था।
एसआईटी ने गुरुवार को हैदराबाद में एक विशेष भ्रष्टाचार ब्यूरो (एसीबी) अदालत में एक नोटिस दायर किया था, जिसमें संतोष और केरल के दो व्यक्तियों जग्गू स्वामी और तुषार वेल्लापल्ली के अलावा बी श्रीनिवास को आरोपी बनाया गया था।

तीन लोगों जिनमें रामचंद्र भारती उर्फ ​​सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिंहयाजी स्वामी को पहले ही मामले में आरोपी बनाया गया था और पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। उनको तेलंगाना में टीआरएस विधायकों को कथित रूप से 100 करोड़ रुपये की खरीद-फरोख्त करने के आरोप में जमानत मिली है। टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी समेत चार विधायकों ने 26 अक्टूबर को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

अपनी पार्टी के विधायकों की ‘खरीद-फरोख्त’ को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी के चार विधायकों को दिल्ली के ब्रोकरों ने खरीदने की कोशिश की, लेकिन हमें कोई तोड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के कुछ ब्रोकरों ने तेलंगाना के आत्मसम्मान को चुनौती दी थी। हमारे चार विधायकों को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की थी।