Telangana Govt: तेलंगाना सरकार ने 30 अगस्त को राज्य में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति को वापस लेने का आदेश जारी किया। अब किसी भी मामले में जांच के लिए मामले के आधार पर पूर्व सहमति आवश्यक है। यह जानकारी अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) ने तेलंगाना उच्च न्यायालय में भाजपा द्वारा दायर एक याचिका पर बहस के दौरान दी, जिसमें टीआरएस विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
टीआरएस के चार विधायकों को कथित तौर खरीद-फरोख्त की कोशिश करने वाले तीन लोगों को शनिवार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। सरकार के गृह (विशेष) विभाग ने 30 अगस्त को एक आदेश-जीओएम नंबर 51 जारी किया था, जिसमें दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत उसके द्वारा जारी सभी पिछली सामान्य सहमति वापस ले ली गई थी। जिसके बारे में एएजी ने अदालत को सूचित किया।
बता दें, तेलंगाना हाईकोर्ट ने शनिवार (29 अक्टूबर, 2022) को विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में चल रही जांच पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। तेलंगाना राष्ट्र समिति के चार विधायकों को खरीदने के कथित मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग वाली भाजपा ने याचिका दायर की थी। जिस पर तेलंगाना हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया था। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी. विजयसेन रेड्डी ने राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को 4 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था।