माकपा के राज्य सचिव व पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य सूर्यकांत मिश्र ने मंगलवार (29 मार्च) को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद अगर राज्य में वाम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है तो अदालत से सिंगुर मामले को वापस ले लिया जाएगा। सूर्यकांत ने तृणमूल सरकार द्वारा पास किए गए सिंगुर कानून को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि चुनाव के बाद अगर हमारी सरकार बनती है तो पहला काम होगा इस मामले को वापस ले लेना। उन्होंने कहा कि सिंगुर की जमीन का इस्तेमाल किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना उद्योग के लिए किया जाएगा। माकपा नेता ने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल में वाम-कांग्रेस गठबंधन के नेतृत्व में एक धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक सरकार का गठन होगा। उन्होंने कहा कि एकमात्र वाम लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार ही तृणमूल सरकार का विकल्प है। मिश्र मंगलवार को यहां कोलकाता प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। मालूम हो कि सिंगुर मामले को लेकर वर्तमान में टाटा मोटर्स व ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार के बीच अदालती लड़ाई चल रही है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
मंगलवार को यहां प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित करते हुए माकपा नेता ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य का विकास रुक गया है। इस दौरान राज्य में कोई नया उद्योग नहीं आया है। उन्होंने कहा कि विगत पांच साल में राज्य में लोकतंत्र पर लगातार हमले हो रहे हैं और इसका सबसे ज्यादा शिकार विरोधी दल हो रहे हैं। माकपा नेता ने कहा कि प्रतिदिन यहां ऐसी परिस्थिति पैदा हो रही है, जिससे लगता है कि जैसे राज्य में कोई कानून का शासन ही नहीं है। ऐसे में तृणमूल सरकार को सत्ता से हटाना बेहद जरूरी हो गया है।
सूर्यकांत मिश्र ने इस मौके पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए वाममोर्चा के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें हमने राज्य में एक वाम लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन की बात कही है। उन्होंने कहा कि वाममोर्चा ने नारा दिया है-तृणमूल कांग्रेस हटाओ बंगाल बचाओ व भाजपा हटाओ देश बचाओ। माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी के शासन को व केंद्र से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने की जरूरत है। तभी राज्य व देश का भला होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल के शासन में पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। राज्य में कोई नया औद्योगिक निवेश नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी उद्योगों को लेकर सिर्फ लफ्फाजी करती हैं, जबकि हकीकत में कुछ भी नहीं हो रहा है। माकपा के नेता ने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती आदि का हाल बुरा है। विगत पांच साल में यह राज्य ध्वंस के रास्ते पर जा रहा है।
इस मौके पर नारद स्टिंग कांड का उल्लेख करते हुए सूर्यकांत ने कहा कि कितनी शर्म व लज्जा की बात है कि इस कांड में तृणमूल के सांसद, मंत्री व नेताओं को रिश्वत लेते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरे पश्चिम बंगाल के लिए शर्मनाक है। अतीत में हमने कभी इस तरह की घटना इस राज्य में नहीं देखी। माकपा के राज्य सचिव ने कहा कि आलम यह है कि नारद स्टिंग कांड में रिश्वत लेते हुए दिखाए जाने के बाद भी सत्ताधारी पार्टी के नेता व मंत्री इसको फर्जी करार देने पर तुले हुए हैं।