हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला से जुड़े मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष में तीखी तकरार हुई। माकपा ने रोहित के फेसबुक पोस्ट के प्रमाणिक होने को लेकर सवाल उठाया। वहीं बसपा ने आत्महत्या से जुड़ी परिस्थिति की जांच के लिए गठित आयोग में एक दलित सदस्य को शामिल करने की मांग की।
बसपा प्रमुख मायावती ने मानव संसाधन विकास स्मृति ईरानी पर विशेष रूप से हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके इस सवाल का अब तक जवाब नहीं दिया है कि इस घटना की जांच के लिए गठित आयोग में कोई दलित सदस्य है या नहीं। मायावती ने आरोप लगाया कि इस संबंध में सरकार के इरादे ठीक नहीं हैं। वह घटना के दोषी लोगों को बचाना चाहती है क्योंकि वे आरएसएस से जुड़े लोग हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। वे न्यायाधीश भी उच्च जाति से आते हैं। उन्होंने कहा कि कानूनों के मुताबिक सरकार आयोग के सदस्यों की संख्या बढ़ा सकती है लेकिन उसने अब तक ऐसा नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे दलितों के प्रति भाजपा के इरादे स्पष्ट हो जाते हैं।
मायावती ने कहा कि स्मृति ईरानी ने कहा था कि अगर बसपा उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होगी तो वे अपना सिर कलम कर पार्टी को दे देंगी। उन्होंने कहा कि अब जब हम उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं तो वे क्या वैसा करेंगी? उन्होंने कहा कि अगर मंत्री इस मामले में वाकई संवेदनशील होतीं तो उसके छोटे भाई को नौकरी की पेशकश करतीं। इस बीच स्मृति ने भी कुछ कहने का प्रयास किया लेकिन शोर में उनकी आवाज पूरी तरह से सुनी नहीं जा सकी।
उधर, येचुरी ने स्मृति की ओर से गुरुवार को अपने जवाब में रोहित की फेसबुक पोस्ट और अन्य परचों का हवाला दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि किसी फेसबुक एकाउंट को कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जेएनयू के संबंध में स्मृति ईरानी ने जो पढ़ा है, उसे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने प्रमाणित किया है। इस पर येचुरी ने कहा कि सरकार अपनी ओर से नियुक्त कुलपतियों और रजिस्ट्रारों से इन्हें प्रमाणित करा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री ने बिना प्रमाणित किए दस्तावेजों के आधार पर उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। उपसभापति पीजे कुरियन ने येचुरी को आश्वासन दिया कि वे इस बारे में रिकार्ड को देखेंगे और आपत्तिजनक होने पर उसे निकाल देंगे।
रोहित को फेलोशिप की राशि नहीं मिलने के आरोप पर स्मृति ईरानी ने कहा कि आखिरी भुगतान इसलिए रोका गया था क्योंकि उन्हें कुछ दस्तावेज जमा करने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोक्टर बोर्ड में अनुसूचित जाति के सदस्य के शामिल नहीं होने का आरोप निराधार है। इस मामले की जांच के लिए गठित आयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया है।

