राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जल्द ही बिहार में फिर एंट्री ले सकते हैं। उनके बेटे तेजस्वी यादव ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि लालू अभी दिल्ली में ठहरे हैं और इससे पहले तीन साल से ज्यादा समय से झारखंड की जेल में बंद थे। यानी करीब इतने समय तक वे बिहार से बाहर ही रहे। अब उनके बिहार में लौटने की खबरों के बाद राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में खुशी की लहर है।
तेजस्वी ने नई दिल्ली से पटना लौटने के बाद एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों को लालू प्रसाद यादव के वापस आने की जानकारी देते हुए कहा, “मौजूदा समय में लालूजी के स्वास्थ्य की देखभाल करना सबसे जरूरी है। यह कोरोनावायरस महामारी का भी समय है। वे अभी डॉक्टरों की देखरेख में हैं और हम उनके साथ जुड़े हैं। वे जल्द ही पटना लौट सकते हैं। शायद कुछ ही दिनों में।”
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव पिछले दो महीनों से दिल्ली में लालू के ही साथ ही रहे हैं। वे लालू को झारखंड की जेल से जमानत मिलने के बाद ही उनके साथ दिल्ली चले गए थे, जहां AIIMS में लालू का इलाज जारी है। दो हफ्ते पहले ही लालू ने अपना जन्मदिन मनाया था, जिसकी कुछ तस्वीरें वायरल भी हुई थीं। राजद सुप्रीमो के बिहार लौटने की खबर पर महागठबंधन के नेताओं की खुशी का ठिकाना नहीं है। कई नेताओं का कहना है कि लालू के लौटने से उनका उत्साह फिर लौटेगा और इससे एनडीए की नाव तक हिल जाएगी।
‘लालू के लौटने से NDA को होगी मुश्किल’: राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मौके पर द टेलिग्राफ अखबार से कहा, “बिहार में लालूजी की वापसी राज्य में राजनीति की स्थिति बदल देगी। एनडीए सरकार पहले ही विधानसभा में अपनी सीटों को लेकर असुविधा महसूस कर रही है। भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, हम, वीआईपी लगातार एक-दूसरे से लड़ाई कर रही हैं।”
उधर कांग्रेस ने भी लालू के बिहार लौटने की खबर पर उत्साह जाहिर किया। कांग्रेस एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्र ने कहा, “लालूजी बिहार के सबसे ऊंचे कद के नेता हैं। उनकी पार्टी में विधानसभा में किसी भी अन्य दल से ज्यादा विधायक हैं। उनके राज्य लौटने के बाद राजद बिहार में और एक्टिव हो जाएगी। हमें खुशी है कि वे वापस आ रहे हैं।”
तेजस्वी बोले- चिराग को करना है आगे फैसला: उधर लालू के बिहार लौटने की खबरों के साथ ही तेजस्वी ने एनडीए को तोड़ने की कोशिशों की भी शुरुआत कर दी है। उन्होंने बुधवार को चिराग पासवान पर डोरे डालते हुए कहा कि अब उन्हें ही यह तय करना है कि ‘आरएसएस के बंच ऑफ थॉट्स’ लिखने वाले गोलवलकर के अनुयायियों के साथ रहेंगे या संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को मानने वालों के साथ रहेंगे।
दिल्ली से बुधवार को पटना लौटे तेजस्वी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान लोजपा में टूट को लेकर जदयू पर लग रहे आरोप का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप सभी जान रहे हैं कि इसमें किसका गेम था। मास्टर प्लान किसने बनाया था। जो लोग जोड़-तोड़ की राजनीति करते हैं, अगर वे इतना ही ध्यान बिहार और यहां के लोगों पर देते तो शायद यह नौबत नहीं आती।’’