राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। जय श्रीराम के नारों के बाद कार्यवाही शुरू की गई। इसके बाद विपक्ष ने कई सारे मुद्दे को लेकर हंगामा किया। विपक्ष का दावा था कि उन्हें प्रश्नकाल में सरकार की तरफ से कई प्रश्नों के ‘समुचित उत्तर’ नहीं मिले। हंगामे की शुरुआत सरकारी भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामलों की जांच को लेकर हुई। इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य आमने-सामने आ गए।

इसके अलावा ‘राजीव गांधी युवा मित्र योजना’ को बंद किए जाने का मुद्दा भी शून्यकाल में उठा जहां व‍िपक्ष के कई विधायकों ने सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की। इस योजना के तहत अशोक गहलोत सरकार ने अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हर जिले में युवाओं की भर्ती की थी। नवगठित विधानसभा में मंगलवार को पहला प्रश्नकाल था। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल के प्रश्नपत्र लीक मामलों की जांच संबंधी सवाल से हुई।

सीबीआई जांच की मांग

राज्य के गृह मंत्री की ओर से स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सदन में बताया कि साल 2021 से 2023 तक ऐसे लगभग बीस मामले सामने आए। हालांकि बेनीवाल उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और ऐसे मामलों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। इसे लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ।

बाद में बेरोजगारों को भत्ता दिए जाने संबंधी कई सवालों के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट नजर आया। कार्यवाही के पहले दिन प्रश्नों के उत्तर देने में संबंधित मंत्रियों के अटकने का दावा करते हुए विपक्षी विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कटाक्ष किया और विधानसभा अध्‍यक्ष वासुदेव देवनानी से कहा कि मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। डूंगरपुर की पंचायत समिति च‍िखली के भवन निर्माण में अनियमितता संबंधी सवाल के जवाब में मंत्री मदन दिलावर ने दो अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा सदन में की।

कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी कई बार सदस्यों के व्यवहार से नाराज दिखे। उन्होंने सदस्यों को सदन में इधर-उधर नहीं घूमने की हिदायत दी। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को भी कार्यवाही के दौरान सदन से उठकर नहीं जाने को कहा। शून्यकाल में रोहित बोहरा सहित कई विपक्षी विधायकों ने मौजूदा सरकार द्वारा ‘राजीव गांधी युवा मित्र योजना’ को बंद करने व इससे 5000 युवाओं के बेरोजगार होने का मुद्दा उठाया।

उन्‍होंने कहा कि मौजूदा सरकार चाहती तो इस योजना का नाम बदल सकती थी लेकिन इसे बंद नहीं करना चाह‍िए था। कांग्रेस ने इसे लेकर सदन से बहिर्गमन भी किया। बाद में विधायक अनिता भदेल ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा।