Prashant Kishor Interview: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार प्रशांत किशोर अहम फैक्टर साबित होते दिख रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने तीन साल बिहार का दौरा करने के बाद अपनी जन सुराज पार्टी (JSP) की स्थापना की थी। आगामी विधानसभा चुनाव बिहार की राजनीति में तीसरे विकल्प के रूप में उभरने के उनके लक्ष्य की पहली परीक्षा होगी, क्योंकि JSP ने इससे पहले केवल चार सीटों पर उपचुनाव लड़ा था, जहां वह कुछ हद तक प्रभाव डालने में सफल रही थी।

प्रशांत किशोर ने द इंडियन एक्सप्रेस से अपनी पार्टी के प्रचार अभियान के बारे में बात की और बताया कि उन्हें क्यों नहीं लगता कि चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन समीक्षा, कांग्रेस के वोट चोरी के आरोप या भाजपा का घुसपैठिया प्रचार इन चुनावों में असली मुद्दे हैं। अपने इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने वोट चोरी से लेकर राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा सीएम नीतीश कुमार के शासन और बिहार की समस्याओं समेत अहम मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखा है।

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राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कही बड़ी बात

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि इसे यात्रा कहना सरासर गलत होगा। मीडिया उन्हें इसलिए ज्यादा तवज्जो देता है, क्योंकि वे एक पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे हैं। मैं तीन साल से बिहार के कोने-कोने में घूम रहा हूं, लेकिन ज्यादातर लोग इस बारे में बात नहीं करते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे राहुल गांधी वोट चोरी की बात करें या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह घुसपैठिया की बात करें , बात ये है कि इनमें से कोई भी बिहार, राज्य से पलायन, बेरोज़गारी या शिक्षा की स्थिति के बारे में बात नहीं कर रहा है।

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राहुल और मोदी दोनों पर निशाना

प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी 11 साल से ज़्यादा समय से सरकार में हैं, अमित शाह एक कुशल गृह मंत्री माने जाते हैं, उनके मज़बूत नेतृत्व में देश की सीमाएं सुरक्षित मानी जाती हैं। फिर, घुसपैठिए किशनगंज या अररिया या कहीं भी कैसे घुस आते हैं?… पहले अमित शाह घुसपैठ रोकने में अपनी नाकामी स्वीकार करें, फिर हम घुसपैठिया की बात करेंगे। राहुल गांधी कुछ ज़िलों में घूम-घूम कर और वोट चोरी की बात करके क्या हासिल करना चाहते हैं? उन्हें संसद का घेराव करना चाहिए और दिल्ली में चुनाव आयोग के सामने धरना देना चाहिए।

वोट छिनने के दावा पर दिखाई मुखरता

बिहार में एसआईआर और वोट छिनने के दावों पर प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारा लोकतंत्र कमज़ोर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि जिसके पास भी वैध दस्तावेज़ हैं, वह वोट देने का हक़दार है। जिसके पास आधार कार्ड है, वह मतदाता है। आधार कार्ड पर काफ़ी बहस हुई लेकिन आख़िरकार सुप्रीम कोर्ट ने इस बहस का निपटारा कर दिया। चुनाव आयोग को नागरिकता तय करने का कोई अधिकार नहीं है जो लोग कह रहे हैं कि किसी का वोट देने का अधिकार छिन जाएगा, वे मूर्ख हैं।

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नीतीश कुमार की मनमोहन सिंह से की तुलना

एनडीए पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में विश्वास नहीं करता लेकिन बिहार के अपने दौरे में मुझे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं। यह आज़ादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि नीतीश कुमार ईमानदार हैं। उनके आस-पास के कुछ लोगों ने ही एक तरह की अराजकता फैला रखी है, जबकि नीतीश की सेहत ठीक नहीं है। यह वैसा ही है जैसे डॉ. मनमोहन सिंह एक ईमानदार प्रधानमंत्री हों, लेकिन कांग्रेस सरकार पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हों।

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बीजेपी को बताया आरजेडी से भी भ्रष्ट

बीजेपी और एनडीए अक्सर ‘ चाल , चरित्र और चेहरा ‘ की बात करते हैं, इसलिए हमने एनडीए के कुछ नेताओं पर शोध किया और पाया कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर लालू प्रसाद के शासनकाल से कई गुना ज़्यादा है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का ही उदाहरण लीजिए। मैंने उनसे पूछा कि किशनगंज के एक मेडिकल कॉलेज पर उनका कब्ज़ा कैसे हो गया जबकि नियमानुसार इसका संचालन और नियंत्रण सिखों के हाथों में होना चाहिए। उन्होंने अभी तक मुझे कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।

भ्रष्टाचार का उठाया मुद्दा

प्रशांत किशोर ने कहा कि राजद नेता तेजस्वी के सिर्फ़ नौवीं कक्षा तक पढ़े होने की खूब चर्चा हुई। हमने पाया कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अदालत में दिए हलफ़नामे में कहा कि उन्होंने सिर्फ़ सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन चुनाव आयोग को दिए अपने हलफ़नामे में उन्होंने कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय से साहित्य में डॉक्टरेट की उपाधि का दावा किया है। मैंने उनसे सिर्फ़ यह पूछा है कि वे लोगों को बताएँ कि उन्होंने दसवीं और बारहवीं कक्षा कब पास की थी। मैंने भाजपा नेता और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से यह भी पूछा कि दिलीप जायसवाल ने किशनगंज मेडिकल कॉलेज को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा कैसे दिलाया।

बीजेपी के नेताओं में हिम्मत न होने की कही बात

प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में मेरे खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की हिम्मत नहीं है। उन्होंने एक पार्टी पदाधिकारी से मेरे खिलाफ आरोप लगवाए। मेरे फंडिंग के स्रोत पूरी तरह स्पष्ट हैं। और भाजपा को इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की भी ज़रूरत नहीं है, बिहार और दिल्ली में उनकी अपनी सरकारें हैं, मैं कहीं छिपा नहीं हूँ, वे मेरे पीछे प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई या रॉ लगा सकते हैं। अगर मैंने कुछ भी गलत किया है तो वे मुझे गिरफ्तार करवा सकते हैं।

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