किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में कूच करने वाले हैं। इसको ध्यान में रखते हुए नोएडा में धारा 144 लगा दी गई है। इसके साथ ही कई जगह रूट डायवर्जन भी किए गए हैं। किसान मोर्चा को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस भी अलर्ट पर है। कई रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं। ऐसे में अगर आपको नोएडा या ग्रेटर नोएडा होते हुए ऑफिस जाना है या फिर कहीं और तो पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बारे में जान लीजिए।

दरअसल, किसानों ने दिल्ली के संसद भवन के घेराव करने की भी धमकी दी है। किसानों की महापंचायत और दिल्ली मार्च को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने यातायात परामर्श जारी किया है। पुलिस के अनुसार कुछ जगहों पर रूट डायवर्जन किया गया है।

इस बीच दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं आम लोगों को इस कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली कूच में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल

असल में किसान कई दिनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने घेराव की तैयारी की है। किसानों ने कहा था कि दिल्ली कूच में बड़ी तादाद में महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल होंगे।

पुलिस उपायुक्त (यातायात) अनिल कुमार यादव ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन और दिल्ली कूच के कार्यक्रम के दौरान गुरुवार सुबह 11 बजे से देर शाम तक सेक्टर-1 गोलचक्कर चौक से सेक्टर-6 चौकी चौक तक, संदीप पेपर मिल चौक से हरौला चौक तक मार्ग पर यातायात प्रतिबंधित रहेगा।

हेल्पलाइन नंबर की ले सकते हैं मदद

उन्होंने बताया कि प्रदर्शन को देखते हुए सेक्टर-1 गोलचक्कर चौक, रजनीगंधा चौक, सेक्टर-6 चौकी चौक, झुंडपुरा चौक, सेक्टर-8, सेक्टर-10, सेक्टर-11, सेक्टर-112 चौक, हरौला चौक से जरूरत के हिसाब से रूट डायवर्जन
किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि रूट डायवर्जन के अनुसार, इमरजेंसी वाहनों को सुरक्षित रास्तों से भेजा जाएगा।रूट से संबंधित परेशानी होने पर आप वाहन चालक हेल्पलाइन नंबर 9971009001 पर संपर्क कर सकते हैं।

16 फरवरी के बंद का समर्थन

श्रमिकों, किसानों, छात्रों और महिलाओं के कई संगठनों ने 16 फरवरी को ग्रामीण बंद और राष्ट्रव्यापी औद्योगिक हड़ताल के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) तथा केंद्रीय मजदूर संघ (सीटीयू) के संयुक्त मंच का समर्थन किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रति वफादार लोगों को छोड़कर, मजदूर संघों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, छोटे व्यापारियों और सामाजिक आंदोलनों और बौद्धिक समूहों के सभी मंच भाजपा सरकार को दंडित करने और आजीविका के मुद्दों पर केंद्रित लोगों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए कॉर्पोरेट सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ हाथ मिला रहे हैं।

एसकेएम और केंद्रीय मजदूर संघ (सीटीयू) के संयुक्त मंच ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर 16 फरवरी को उनकी देशव्यापी हड़ताल और ग्रामीण बंद का समर्थन करने का आग्रह किया है।