झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राष्ट्रीय राजनीति में एक मजबूत विकल्प की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इस खाका में एकदम उपयुक्त हैं। नीतीश कुमार की अगुवाई में बनाए जा रहे राजनीतिक गठजोड़ का झारखंड में मरांडी चेहरा हो सकते हैं।

आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले और साल 2000 में बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में भाजपा सरकार की अगुआई करने वाले मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राजग सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर आघात करने और सांप्रदायिकता को हवा देने का आरोप लगाया। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश में एक मजबूत विकल्प की जरूरत है। नीतीश कुमार केंद्र में बेहतर विकल्प हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने अपनी प्रशासनिक क्षमता साबित की है और उनकी पूरे देश में स्वीकार्यता है।

मरांडी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नीतीश की जदयू, अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल, मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा (प्र) और कमल मोरारका की समाजवादी जनता पार्टी का बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश में विलय की कोशिश चल रही है। नीतीश कुमार की जदयू का बिहार में लालू प्रसाद के राजद के साथ गठबंधन है और बिहार विधानसभा चुनाव में इसने भाजपा नीत राजग को पराजित किया था। हाल ही मेंं नीतीश कुमार ने जदयू के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है और ऐसी अटकलें हैं कि वह राष्ट्रीय राजनीति पर नजर रखते हुए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश कुमार और मरांडी के बीच सहयोग को लेकर बातचीत हुई है।

जदयू के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया, ‘झारखंड में मरांडी हमारे चेहरे होंगे। यह समय है कि पार्टी बिहार से बाहर पांव पसारे।’ प्रस्तावित गठबंधन के तहत झारखंड में ओबीसी, आदिवासी को एकजुट करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर मरांडी ने कहा कि वह जाति आधारित राजनीति में यकीन नहीं करते हैं लेकिन स्वीकार किया कि उनके साथ आने से अच्छा असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जब से मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से लगातार देश के संघीय ढांचे पर चोट किया जा रहा है।

जिस तरह से दूसरे दलों के विधायकों का दल बदल कराया जा रहा है, वह चिंता का विषय है। उन्होंने (भाजपा) यह काम झारखंड से शुरू किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा ने जेवीएम (पी) के विधायकों का दल बदल कराया। भाजपा ने असम और बिहार में भी दूसरे दलों के नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश की। मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वे गांव, गरीबों और किसानों की बात करते हैं लेकिन काम केवल कारपोरेट के लिए करते हैं।