दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई छिड़ी हुई है, अधिकारियों का ट्रांसफर कौन करेगा, इसे लेकर बहस हो रही है। सियासी जंग अभी से नहीं पिछले कई सालों के केंद्र और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के बीच देखने को मिल रही है। लेकिन इसका हर्जाना भुगत रही है दिल्ली, जो जुर्म के मामलों में अब एक खतरनाक रास्ते पर चल दी है। महिलाओं के लिए राजधानी सबसे असुरक्षित बताई जा रही है। ये सिर्फ कोई ‘परसेप्शन’ नहीं है, बल्कि आंकड़ों की वो सच्चाई है जिससे ना दिल्ली पुलिस मुंह फेर सकती है और ना ही केंद्र और राजधानी की सरकार।
साक्षी की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
अब ये बात इसलिए क्योंकि दिल्ली एक और हत्या से दहल गई है। रविवार रात को दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में साहिल नाम के शख्स ने एक नाबालिग लड़की को जान से मार दिया। 20 से ज्यादा बार चाकू से गोदा, पत्थर से कुचला और फिर उसे मौत के घाट उतार दिया। बड़ी बात ये है कि आरोपी ने बेखौफ होकर इस अपराध को अंजाम दिया, सीसीटीवी सब रिकॉर्ड करता रहा, लेकिन वो नहीं रुका, उसने अपनी हैवानियत को लगातार जगजाहिर किया। मृतक लड़की का नाम साक्षी बताया जा रहा है, शुरुआती जांच से पता चला है कि साहिल और साक्षी रिलेशनशिप में थे। किसी बात पर कहासुनी हुई थी और उसी वजह से रविवार को ये हत्या कर दी गई।
अभी के लिए दिल्ली पुलिस ने इस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन चिंता की बात ये है कि दिल्ली में अपराध ऐसे फल-फूल रहा है जिसकी कोई सीमा नहीं, पुलिस के दावे अपनी जगह हैं, दूसरी तरफ बेटियों पर हो रहे अत्याचार अलग कहानी बयां कर रहे हैं। आंकड़ों की इस सच्चाई से तो आपको रुबरू करवाएंगे ही, पहले दिल्ली की उन घटनाओं पर नजर डालते हैं जिसने राजधानी को शर्मसार किया, पुलिस को शर्मिंदा किया और प्रशासन पर हजारों सवाल छोड़ दिए।
निक्की यादव हत्याकांड
इस साल 10 फरवरी को दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला कि एक लड़की की लाश ढाबे के फ्रिज में मिली है। आरोप किसी लड़के पर लगा जो मृतक के साथ रिलेशनशिप में चल रहा था। जांच आगे बढ़ी तो आरोपी का नाम साहिल सामने आया।। जिस लड़की को मारा गया, वो निक्की थी। दोनों लिवइन रिलेशनशिप में रह रहे थे, निक्की ने शादी का मन बना लिया था, लेकिन साहिल इसके लिए तैयार नहीं था। उस दबाव से मुक्ति के लिए साहिल ने एक प्लान बनाया। निक्की को घुमाने के बहाने गाड़ी से बाहर ले गया। एक सुनसान जगह पर फिर फोन की केबल से उसका गला दबाया, जब दम तोड़ दिया तो अपने ही ढाबे में लाश को छिपा दिया।
यहां दिल्ली पुलिस की एक बड़ी नाकामी सामने आई। आरोपी साहिल हत्या करने के बाद लाश के साथ गाड़ी को चालीस किलोमीटर तक दिल्ली की सड़कों पर दौड़ाता रहा और पुलिस को इसकी कोई भनक नहीं लगी। आरोपी साहिल ने निक्की की हत्या के 12 घंटे बाद ही दूसरी लड़की से शादी भी कर ली। अभी इस समय मामले की जांच जारी है और 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
श्रद्धा वॉकर हत्याकांड
26 साल की श्रद्धा वॉकर को आफताब नाम के आरोपी ने पिछले साल 14 मई को बड़ी ही बेरहमी से मार दिया था। बाद में उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए और फिर धीरे-धीरे उन्हें पास के ही जंगल में फेंकता गया। दिल्ली पुलिस को इस खौफजदा करने वाले अपराध की जानकारी अक्टूबर में हुई, यानी कि अपराध के पांच महीने बाद। जांच में सामने आया कि श्रद्धा और आफताब लिविइन में रह रहे थे, पहले मुंबई में थे और फिर दिल्ली आ गए थे। 14 मई को किसी बात पर कहासुनी शुरू हुई और आपा खोकर आफताब ने श्रद्धा को जान से मार दिया।
उसने अपनी हैवानियत की हद तब पार की जब वो उसी जुर्म वाले फ्लैट में अपनी दूसरी गर्लफ्रेंड को भी लाने लगा। जिस समय श्रद्धा के शव के टुकड़े फ्रिज में होते थे, आफताब अपनी दूसरी गर्लफ्रेंड के साथ समय बिताता था। अभी इस समय आफताब ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है, पुलिस ने उसके खिलाफ एक विस्तृत चार्जशीट भी दायर कर दी है।
कंझावला कांड
पिछले साल की आखिरी रात ने दिल्ली में एक खौफनाक जुर्म को अंजाम दिया था। अंजलि नाम की लड़की नए साल की पार्टी कर अपने घर के लिए स्कूटी पर निकली थी। उसकी एक गाड़ी से जोरदार टक्कर हुई और उसका पैर गाड़ी के ही टायर में जा फंसा। गाड़ी चलाने वाले युवक नशे में थे, ऐसे नशे में कि पता ही नहीं चला कि एक लड़की उनकी गाड़ी के नीचे फंस गई। वो अपनी गाड़ी दिल्ली की सड़कों पर भगाते रहे, करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा जिस वजह से अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई। जो सीसीटीवी सामने आएं, उनमें साफ दिखा कि आरोपियों ने कई बार अपनी गाड़ी को आगे-पीछे किया।
इस मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, दीपक खन्ना, आशुतोष और अंकुश के नाम शामिल हैं।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध
अब अगर कई साल पीछे चले जाएंगे तो ये राजधानी जुर्म के और कई ऐसे पन्ने खोल देगी जिसे जान रूह तक कांप जाएगी। लेकिन बात अब उन आंकड़ों की जिनका जिक्र खबर की शुरुआत में किया गया। ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है, 30 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी एक रिपोर्ट छापी थी। उस रिपोर्ट में दिल्ली को लेकर जो आंकड़े रखे गए, वो डराने वाले थे। दिल्ली में 2021 में यौन शोषण, ऑनलाइन धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए, महिलाओं के लिए तो राजधानी को सबसे असुरक्षित करार दिया गया। हर दिन दो नाबालिग लड़कियों का दिल्ली में रेप हुआ।
एक और आंकड़ा उसी रिपोर्ट में ये सामने आया कि 2021 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,892 केस दर्ज हुए, 2020 की तुलना में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। राजधानी के 19 महानगरों में तो हालात और ज्यादा खराब रहे जहां पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या 43,414 तक पहुंच गई। इसी तरह दिल्ली में पतियों द्वारा क्रूरता के 4674 मामले, बच्चियों के साथ बलात्कार के 833 और अपरहण के 3948 मामले दर्ज किए गए। यहां भी पॉक्सो की धारा में तो 1357 केस दर्ज हुए।
कनविक्शन रेट चल रहा काफी कम
वैसे पिछले साल दिल्ली पुलिस ने भी दिसंबर में राजधानी के क्राइम रेट को लेकर एक आंकड़ा जारी किया था। उन आंकड़ों में कहा गया कि पिछले साल 11 महीने में दिल्ली में रेप के 1911 मामले दर्ज किए गए, वहीं छेड़छाड़ के 2343 केस रेजिस्टर किए गए। पुलिस ने इस बात पर राहत जाहिर की कि 2021 में रेप के 2,067 मामले दर्ज हुए थे, यानी कि 2022 में मामूली गिरावट देखने को मिली। लेकिन पुलिस की उसी रिपोर्ट का एक पहलू ये भी रहा कि महिलाओं ने जो शिकायतें दर्ज करवाई, उनमें कनविक्शन रेट यानी कि सजा की दर कम हो गई। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि साल 2019 में राजधानी में रेप, दहेज हत्या, छेड़छाड़ और अपहरण के कुल 13614 मामले दर्ज हुए, लेकिन कनविक्शन रेट मात्र 5.46% रहा। एक साल बाद यानी कि 2020 में तो ये आंकड़ा 3.35% पर जा पहुंचा।
एक और आंकड़ा जो दिल्ली में बढ़ते जुर्म की ओर इशारा करता है, वो ये कि पिछले कुछ सालों में राजधानी में जघन्य अपराध यानी कि Heinous Crime में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। हत्या से लेकर बलात्कार तक, ये सब जघन्य अपराध में आता है, दिल्ली में पिछले साल 15 जुलाई तक ऐसे 3140 मामले दर्ज किए गए थे।
दुनिया की हर तीन में से एक महिला हिंसा का शिकार
अब राजधानी दिल्ली के तो ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि यहां पर जुर्म किस कदर बढ़ा है और बढ़ रहा है, लेकिन अगर पिछले कुछ बड़े मामलों को गौर करें तो एक और कॉमन पैटर्न देखने को मिलता है। वो पैटर्न है कि लिव इन रिलेशनशिप। श्रद्धा वॉकर और निक्की यादव दोनों लिव इन में थीं, साक्षी हत्याकांड में लिव इन में तो नहीं लेकिन दोनों रिलेशनशिप में जरूर रहे। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक आंकड़ा है जो बताता है कि पूरी दुनिया में हर तीन में से एक महिला कभी ना कभी रिलेशनशिप में शारीरिक हिंसा का शिकार रही है। बात अगर अकेले भारत की करें तो यहां भी स्थिति ऐसी ही चल रही है।
भारत की 82 फीसदी महिलाएं मानती पति को ‘हिंसक’
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) की रिपोर्ट स्पष्ट बताती है कि 29 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक या फिर मानसिक प्रताड़ना का शिकार रही हैं। 82 फीसदी शादीशुदा महिलाएं भी इस बात को स्वीकार करती हैं कि उनके पति हिंसक हैं। NFHS-5 की रिपोर्ट में बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड को लेकर भी एक आंकड़ा जारी किया गया। उस आंकड़े के मुताबिक 16 प्रतिशत लड़कियों ने अपने बॉयफ्रेंड या फिर एक्स बॉयफ्रेंड के द्वारा यौन हिंसा झेली है।