भागलपुर का तिलकामांझी विश्वविद्यालय दिल्ली के आप विधायक और पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की एलएलबी की कथित फर्जी डिग्री को लेकर फिर चर्चा में है। दिल्ली पुलिस की टीम ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह से पूछताछ की है। राजधानी के हौजखास थाने के एसएचओ सतिंदर सांगवान की अगुआई में आई छह जनों की टीम सोमवार से भागलपुर में डेरा डाले है। जानकार सूत्रों के मुताबिक कुलसचिव डा.आशुतोष प्रसाद से मामले से जुड़े कागजात मांगे गए हैं। मसलन 1994-1995 का टेबुलेशन रजिस्टर, अंकतालिका तैयार करने वालों के नाम, सफल छात्र की डिग्री तैयार करने वालों के नाम जैसी जरूरी जानकारी पुलिस टीम ने मांगी है, जो विश्वविद्यालय के रिकार्ड से गायब हैं या उपलब्ध नहीं हैं।
दिल्ली पुलिस की टीम ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह, रजिस्ट्रेशन महकमे के दिनेश श्रीवास्तव, निरंजन प्रसाद और शंभु प्रसाद बगैरह से पूछताछ की। ये सभी परीक्षा विभाग से जुड़े हैं। भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रमाशंकर दुबे कहते हैं कि पुलिस जांच टीम तोमर की कानून की डिग्री से जुड़े मामलों के कागजात की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि दोषी कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दिल्ली पुलिस की गहन जांच पड़ताल से यह लग रहा है कि तोमर की डिग्री की असलियत सामने लाने के साथ विश्वविद्यालय में कानून की डिग्री में चल रहे बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने की कोशिश हो रही है। इसमें विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी घेरे में आ सकते हैं। दरअसल, जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री होने का खुलासा एक सूचना के अधिकार के तहत लखनऊ के बाकी पेज 8 पर उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी 8 अवध विश्वविद्यालय से मांगी गई जानकारी के जवाब से हुआ। इसमें विश्वविद्यालय ने साफ तौर से इनकार करते हुए कहा कि तोमर को बैचलर आफ साइंस की डिग्री नहीं दी गई है। इसी आधार पर फरवरी 2015 को दिल्ली हाईकोर्ट में तोमर की डिग्री को चुनौती दी गई। तोमर ने इसी आधार पर मुंगेर के विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज में बतौर नियमित छात्र की हैसियत से दाखिला लिया। यह भागलपुर विश्वविद्यालय के तहत आता है।
तोमर ने 1994-1998 सत्र का विद्यार्थी होने का दावा किया। कानून की परीक्षा इस सत्र में पास होने के बाद 15 सितंबर 2012 को विश्वविद्यालय ने डिग्री दी। इसी डिग्री पर उन्होंने वकालत करने का लाइसेंस लिया। अदालत ने विश्वविद्यालय से और जानकारी मांगी है। कारण यह कि तोमर कानून की सही डिग्री भागलपुर विश्वविद्यालय से जारी होने का दावा कर रहे हैं।हालांकि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक शपथपत्र दायर किया है। जिसमे साफ लिखा है कि निर्गत प्रोविजनल डिग्री संख्या 3687 दिनांक 29 जुलाई 1999 संजय कुमार चौधरी के नाम से है। जो मुंगेर के तारापुर के आरएस कालेज से राजनीति विज्ञान प्रतिष्ठा विषय के इम्तहान में सफल होने पर जारी की है।