हाल ही में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रतता के अधिकार के तहत कई ऐसे बयान आए, जो विवादास्पद बन गए। ये बयान जानबूझकर पब्लिसिटी बढ़ाने के लिए दिए गए या स्वत: आए विचार को प्रकट करते हुए दिए गए, लेकिन इसके पक्ष और विपक्ष में रार थम नहीं रहा है। पहले कंगना रानौत ने आजादी को लेकर एक बयान दिया, उसके बाद कॉमेडियन वीर दास का बयान सुर्खियों में आ गया। दोनों लोग अपने बयाने पर अड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा हो ही रही है तो राजनीतिक गलियारे में भी इस पर कम विरोध और समर्थन नहीं है। मध्य प्रदेश की सरकार ने तो वीर दास के कार्यक्रमों पर ही रोक लगा दी है।
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कॉमेडियन वीर दास को प्रदेश में कार्यक्रम (परफॉर्म) करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। दरअसल वीरदास की ‘आई कम फ्रॉम टू इंडियाज’ में टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ पुलिस में कई शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘हम ऐसे मसखरे को परफॉर्म नहीं करने देंगे। अगर वह माफी मांगते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे।’’ मिश्रा ने कहा कि कुछ मसखरे हैं जो भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं और कपिल सिब्बल तथा अन्य कांग्रेसी नेता उनके समर्थक हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विदेशी जमीन पर भारत को बदनाम करते है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ भी ऐसा करते हैं।’’
वीर दास ने सोमवार को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया था। ‘आई कम फ्रॉम टू इंडियाज’ शीर्षक वाले छह मिनट का यह वीडियो वाशिंगटन डीसी के जॉन एफ कैनेडी सेंटर में उनके हालिया कार्यक्रम का हिस्सा है।
जानेमाने कलाकार ने इस वीडियो क्लिप में कई गंभीर मुद्दों और विषयों को छुआ है। इन विषयों में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, बलात्कार एवं महिलाओं से संबंधित मुद्दे और कॉमेडियन के खिलाफ कार्रवाई शामिल है। वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें देश-विरोधी कहा जा रहा है और देश के तमाम हिस्सों में उनके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज हो चुकी हैं।