मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने उस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। 100 करोड़ की लागत से स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है।
उद्घाटन से कुछ दिन पहले, मध्यप्रदेश सरकार ने इस सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजा, जिसमें हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम क्षेत्र की 18 वीं शताब्दी की गोंड रानी, रानी कमलापति के नाम पर रखने की मांग की गई है। प्रस्ताव के पीछे का कारण बताते हुए मध्य प्रदेश सरकार के पत्र में कहा गया है कि स्टेशन का नाम बदलने से रानी कमलापति की विरासत और बहादुरी का सम्मान होगा। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इसे मंजूर भी कर लिया है।
रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह की विधवा गोंड शासक थीं। गोंड समुदाय में 1.2 करोड़ से अधिक आबादी वाला भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समूह शामिल है। भाषाई रूप से, गोंड द्रविड़ भाषा परिवार की दक्षिण मध्य शाखा के गोंडी-मांडा उपसमूह से संबंधित है।
यह पत्र भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उस मांग के बाद आया है जिसमें उन्होंने स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की बात कही थी। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के अलावा, ठाकुर ने इस्लामपुरा का नाम जगदीशपुरा, ईदगाह का नाम गुरु नानक टेकरी और भोपाल के पास एक शहर ओबैदुल्लागंज का नाम बदलकर शिवपुर करने की मांग की है।
यह स्टेशन 1905 में ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था। तब इसका नाम शाहपुर हुआ करता था। इसके बाद जब स्टेशन का विस्तार हुआ तो नवाब हबीबउल्ला ने इसके लिए जमीन दी थी, जिसके बाद से ये स्टेशन हबीबगंज कहलाया। अब एक बार फिर से इसका नाम बदलने की तैयारी हो रही है। इस उद्घाटन के बाद यह स्टेशन देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन हो जाएगा।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन को पब्लिक-प्राइवेट पाटर्नशीप तहत विकसित किया गया है। इसे बंसल समूह ने बनाया है। इसका निर्माण जर्मनी के हीडलबर्ग रेलवे स्टेशन की तर्ज पर किया गया है।
एमपी से पहले उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज और मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है।