केंद्र सरकार इस समय अन्न महोत्सव मना रही है। इसमें PMGKAY के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज दिया जा रहा है। सरकार इसे गरीबों के पेट भरने का महोत्व बता रही है तो वहीं विपक्ष इसे ठगी उत्सव बता रहा है।
दरअसल शनिवार को पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्यप्रदेश में अन्न महोत्व की शुरुआत की थी। इस दौरान भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे। पीएम ने मध्यप्रदेश के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि हम कोरोना के शुरू होने के समय से ही 80 करोड़ लोगों के घरों में राशन पहुंचा रहे हैं। कार्यक्रम बहुत धूम-धाम से हुआ और कई बड़े-बड़े दावे भी किए गए। कार्यक्रम के समापन के बाद विदिशा से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। आरोप लगा कि लोग टोकन लेकर खड़े रहे और भाजपा नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को अनाज का बैग दे दिया।
इस आरोप के बाद इस वीडियो को शेयर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे ठगी की उत्सव बता दिया।
दिग्विजय सिंह ने लिखा- “भाजपा का हर उत्सव ‘ठगी उत्सव’ है। 5 किलो अनाज की कीमत 98.75 ₹ और झोले पर फोटो छपवाने की कीमत 160 रुपये। अब इसे अन्न महोत्सव कहें या प्रचार महोत्सव ?”
भाजपा का हर उत्सव “ठगी उत्सव” है।
5 किलो अनाज की कीमत 98.75 ₹
और झोले पे फ़ोटो छपवाने की कीमत 160₹ ।
अब इसे अन्न महोत्सव कहे या प्रचार महोत्सव ? https://t.co/XDe34sjqoG— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 9, 2021
इससे पहले एक और ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा- “मोदी जी का काम करने का तरीका। काम कम करो, ज़्यादा दिखाओ। मध्यप्रदेश के खाद्य विभाग के अन्न वितरण में और PDS की दुकानों में भारी भ्रष्टाचार है। मैंने कुछ दिन पूर्व, भोपाल की केवल 5 पंचायतों के खाद्य वितरण व्यवस्था के उदाहरण जनता के सामने रख थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
बता दें कि सरकार अन्न उत्सव के दौरान मध्यप्रदेश के 25 हजार 435 उचित मूल्यों की दुकानों पर अनाज वितरित किया गया था। प्रधानमंत्री ने इस दौरान लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को लाभ मिला है। उन्हें मुफ्त राशन दिया गया है। वहीं मध्यप्रदेश में इससे 5 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। इससे पहले गुजरात में पीएम ने मुफ्त अनाज योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा था कि दिवाली तक गरीबों को पेट भरने के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा।