मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश की मंत्री इमरती देवी को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कथित तौर पर ‘आइटम’ कहे जाने पर उनकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ओछे बयान से कांग्रेस की विकृत और घृणित मानसिकता का फिर परिचय दिया है। चौहान ने रविवार को ट्वीट किया कि आपने इमारती देवी ही नहीं, बल्कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की एक-एक बेटी और बहन का अपमान किया है।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भोपाल में एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ग्वालियर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मौन व्रत कर रहे हैं, जबकि पार्टी के नेता, जनप्रतिनिधि, मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी अन्य जगहों पर मौन व्रत के इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इमरती देवी के खिलाफ डबरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के लिए चुनाव प्रचार करते हुए कमलनाथ ने रविवार को कहा था, ‘‘डबरा से सुरेश राजे जी हमारे उम्मीदवार हैं। सरल स्वभाव के, सीधे-सादे हैं। ये तो उसके जैसे नहीं हैं। क्या है उसका नाम?’’ इसी बीच वहां मौजूद जनता जोर-जोर से ‘इमरती देवी’, ‘इमरती देवी’ कहने लगी।’’

कमलनाथ ने हंसते हुए कहा, ‘‘मैं क्या उसका (डबरा की भाजपा प्रत्याशी) नाम लूं। आप तो उसको मेरे से ज्यादा पहचानते हैं। आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था। ये क्या आइटम है?’’ इस पर चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘आज कमलनाथ जी, आज आपने अपने ओछे बयान के द्वारा कांग्रेस की विकृत और घृणित मानसिकता का फिर परिचय दिया। आपने श्रीमती इमारती देवी ही नहीं, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की एक-एक बेटी और बहन का अपमान किया है। कमलनाथ जी, आपको किसी भी महिला के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार किसने दिया?’’ बता दें कि राज्य की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होना है।

इसी बीच, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को मौन धरने पर बैठे। शहर के रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा के सामने सिंधिया के नेतृत्व में दिए गए इस धरने में इंदौर से लोकसभा सदस्य शंकर लालवानी, भाजपा के कुछ स्थानीय विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। धरने के दौरान सिंधिया ने एक तख्ती थाम रखी थी जिस पर लिखा था- “माता-बहनों का जो करे अपमान, शास्त्र कहे वह है शैतान समान।”

कमलनाथ की कथित विवादित टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए सिंधिया ने इंदौर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर कम्पेल कस्बे में रविवार रात एक चुनावी सभा में कहा था, “दलित समाज की नेता और सरपंच पद से शुरूआत कर अपनी अथक मेहनत से मंत्री तक बनीं इमरती देवी के लिए कमलनाथ कहते हैं कि वह आइटम हैं। (कांग्रेस नेता) अजय सिंह कहते हैं कि वह जलेबी हैं।”

भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा था, “महिलाओं और अनुसूचित जाति के विरुद्ध इनकी (कांग्रेस नेताओं की) यही सोच और विचारधारा है, जबकि हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि जहां नारियों का मान-सम्मान होता है, देवता वहीं विराजते हैं।” सिंधिया के निष्ठावान समर्थकों में गिनी जाने वाली इमरती देवी कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से एक हैं जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गयी थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।