Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद आप नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को राउज एवेन्यू कोर्ट शुक्रवार (31 मार्च, 2023) खारिज कर दिया। वहीं निचली अदलात के फैसले के खिलाफ मनीष सिसोदिया हाई कोर्ट जाएंगे।मनीष सिसोदिया तीन अप्रैल तक सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 2021-22 दिल्ली आबकारी नीति मामले के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं की कथित संलिप्तता के सिलसिले में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
एक सप्ताह पहले इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। विगत सप्ताह केद्रीय जांच ब्यूरो ने शराब घोटाले मामले का विवरण और गवाहों के बयान कोर्ट के सामने पेश किए थे।
सीबीआई की दलील से पहले मनीष सिसोदिया ने ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का मकसद पूरा नहीं होगा। इस मामलें में सभी रिकवरी पहले ही की जा चुकी हैं। मैंने, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया। उन्होंने जब बुलाया, उनके पास हाजिर हुआ। साथ ही इस बात का हवाला भी दिया था कि पब्लिक लाइफ में एक्टिव होने की वजह से समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए वह जमानत पाने के हकदार हैं।
सीबीआई के वकील ने मनीष सिसोदिया की जमानत का किया था विरोध
वहीं सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने पिछले सप्ताह सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था। अगर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत मिल जाती है तो वो हमारी जांच को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआई ने दावा किया था कि मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने मोबाइल इसलिए तोड़ दिए थे,क्योंकि वो अपग्रेड करना चाहते थे, सिंह ने कहा कि जो वो बता रहे हैं, वो सत्य नहीं हैं। सच्चाई यह है कि सिसोदिया ने चैट को खत्म करने के लिए ऐसा किया। ऐसे में अगर उनको जमानत मिलती है तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें नष्ट कर सकते हैं। जिससे जांच भी प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था, जबकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद से अभी तक सिसोदिया को जमानत नहीं मिली है।