Maneka Gandhi Moves Allahabad High Court: भाजपा की पूर्व सांसद मेनका गांधी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गांधी ने सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद के हालिया निर्वाचन को चुनौती दी है।
सपा सांसद राम भुआल निषाद से 43,174 मतों से हारने वाले गांधी ने शनिवार को न्यायालय रजिस्ट्री में चुनाव याचिका दायर की। इस याचिका पर 30 जुलाई को लखनऊ पीठ में सुनवाई होने की संभावना है।
याचिका में गांधी ने आरोप लगाया कि निषाद ने हालिया लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय प्रस्तुत हलफनामे में अपने आपराधिक इतिहास से संबंधित जानकारी छिपाई थी।
इसमें दावा किया गया कि निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में केवल आठ मामलों की जानकारी दी थी।
याचिका में दावा किया गया कि निषाद ने गोरखपुर जिले के पिपराइच पुलिस स्टेशन और बड़हलगंज पुलिस स्टेशन में आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई थी। याचिका में हाई कोर्ट से निषाद के निर्वाचन को रद्द करने और मेनका गांधी को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित करने का आग्रह किया गया।
पूर्व मंत्री मेनका गांधी की तरफ से चुनाव याचिका एडवोकेट प्रशान्त सिंह अटल ने दाखिल की है। उन्होंने बताया है कि कोर्ट में कई दस्तावेज पेश करते हुए याचिका में कहा है कि राम भुआल निषाद ने गलत, झूठी जानकारी देकर चुनाव लड़ा है। इससे उनका चुनाव रद्द कर दिया जाए। उन पर 12 मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन उन्होंने केवल आठ का ही जिक्र किया है।
बता दें, बीते चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता रामभुआल निषाद ने मेनका गांधी को 43174 वोटों से हराया था। इससे पहले मेनका गांधी ने सुल्तानपुर सीट पर 2019 में जीत हासिल की थी, जबकि 2014 में उनके बेटे वरुण गांधी जीते थे।
जानिए मेनका गांधी से जुड़ी अहम बातें
मेनका का जन्म 26 अगस्त 1956 को दिल्ली के एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता तरलोचन सिंह आनंद इंडियन आर्मी में ऑफिसर थे। दिल्ली के लॉरेंस स्कूल से पढ़ीं मेनका ने लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। अपने कॉलेज के दिनों में मेनका ने मॉडलिंग में अपना करियर बनाने का सोचा था। वह 17 साल की उम्र में पहली बार बॉम्बे डाइंग के विज्ञापन में दिखी थीं।
मेनका कॉलेज में होने वाले ब्यूटी कॉन्टेस्ट की भी विजेता बनीं। कहा जाता है कि एक विज्ञापन में मेनका गांधी की तस्वीर देखकर संजय गांधी उनके कायल हो गए और उनसे मुलाकात करने का फैसला किया। मेनका और संजय की पहली मुलाकात 14 दिसंबर 1973 को एक पार्टी में हुई थी।
यह पार्टी मेनका के अंकल मेजर जनरल कपूर ने अपने बेटे वीनू की शादी के दौरान रखी थी। वीनू और संजय स्कूल फ्रेंड थे। संजय ने 1974 में मेनका को सफदरजंग रोड पर स्थित पर अपने घर खाने पर बुलाया। इस दौरान मेनका इंदिरा गांधी से काफी डरी हुई थीं, क्योंकि वह देश की सत्ता संभाल रही थीं। मेनका को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे बात शुरू की जाए। तभी इंदिरा गांधी ने खुद मेनका से उनका हालचाल लिया और उनके करियर के बारे में पूछा।
23 सितंबर, 1974 को संजय गांधी से हुई मेनका की शादी
इंदिरा गांधी को यह मालूम चल चुका था कि संजय मेनका को पसंद करते हैं। इंदिरा को इस रिश्ते को लेकर कोई ऐतराज नहीं था। 29 जुलाई 1974 को मेनका और संजय गांधी ने दोनों परिवारों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री निवास पर सगाई कर ली। सगाई के बाद संजय गांधी का एक ऑपरेशन हुआ था। इसके कुछ हफ्तों बाद संजय और मेनका ने 23 सितंबर 1974 को शादी की। शादी में इंदिरा गांधी ने मेनका को बहुत से तोहफे दिए। इसमें एक खादी की साड़ी भी थी, जो उनके पिता जवाहरलाल नेहरू ने जेल में रहते हुए बनाई थी।