महाराष्ट्र में चल रहे सियासी टकराव के बीच शिवसेना से बगावत कर गुवाहाटी में बैठे विधायकों में से तीन ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वे बहुत आनंद से हैं। उन पर किसी का दबाव नहीं है। वीडियो में उन्होंने कहा- “हम अपनी मर्जी से गुवाहाटी आए हैं। हम बाला साहेब के हिंदुत्व को मानते हैं। किसी भी अफवाह पर भरोसा ना करें।”
इन विधायकों का कहना है कि वे शिंदे को अपना नेता मानते हैं और पूरी तरह उनके साथ है। एकनाथ शिंदे जैसा कहेंगे वे वैसा ही करेंगे। आगे की रणनीति शिंदे ही तैयार करेंगे। इससे पहले शिवसेना नेता और सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि कई विधायक उनके संपर्क में हैं, हालांकि वे किसी का नाम नहीं बता सके थे।
इस बीच महाराष्ट्र में सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार 30 जून को फ्लोर टेस्ट होगा। इसके लिए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गुरुवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। इसमें भाग लेने के लिए सभी बागी विधायक मुंबई पहुंच रहे हैं। बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि वे सदन में फ्लोर टेस्ट में मौजूद रहेंगे।
फ्लोर टेस्ट सुबह 11 बजे शुरू होगा और किसी भी सूरत में 5 बजे से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि राज्यपाल के इस आदेश के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, लेकिन शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद 287 विधायक हो गए हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत होती है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास 53 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 44 विधायक और शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। तीनों दलों को मिलाकर उनके पास कुल 152 विधायक हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में कई छोटे-छोटे दल भी शामिल हैं, लेकिन शिवसेना में हुई बगावत से पूरा गणित बिगड़ गया है।
मंगलवार को भाजपा नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस उद्धव सरकार के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर राजभवन गए और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले थे। फडणवीस ने कहा था कि शिवसेना के दो तिहाई विधायक बाहर हैं और वो एनसीपी और कांग्रेस के साथ नहीं रहना चाहते हैं। उद्धव सरकार अल्पमत में है। मुख्यमंत्री सदन में बहुमत साबित करें। भाजपा की इस मांग पर गवर्नर ने फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है।