Maharashtra Lockdown: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन) सरकार ने 31 जुलाई तक के लिए राज्य में लॉकडाउन बढ़ा दिया है।
मुख्य सचिव अजॉय मेहता की ओर से सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि मास्क लगाने, शारीरिक दूरी, सभाओं पर पाबंदी और अन्य नियमों का पालन जारी रहना चाहिये। सरकार ने सलाह दी है कि जहां तक संभव हो सके घर से ही काम किया जाए।
मेहता के आदेश में कहा गया है कि निजी कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों या 10 लोगों के साथ काम कर सकते हैं। महाराष्ट्र में रविवार को एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 5,493 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1,64,626 हो गई थी। राज्य में अब तक कुल 7,429 लोगों की मौत हो चुकी है।
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लॉकडाउन की वजह से महाराष्ट्र से चीनी निर्यात प्रभावितः सूबे से चीनी निर्यात पर लॉकडाउन का प्रभाव रहा है। इस साल जनवरी से जून की अवधि में राज्य से 60 लाख टन निर्यात लक्ष्य के मुकाबले केवल 36 लाख टन चीनी का ही निर्यात किया गया। महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के चेयरमैन जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी और उसके बाद लगाये गये लॉकडाउन के कारण निर्यात की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि नवंबर 2019 से लेकर जून 2020 तक राज्य में 570 लाख टन गन्ने की पेराई की गई। इससे अब तक 63 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया।
दांडेगांवकर ने कहा, ‘‘36 लाख टन चीनी का निर्यात कर लिया गया है। और छह लाख टन के निर्यात के लिये सौदे हुये हैं और इसके लिये चीनी गोदामों से जारी की जा रही है।’’ उन्होंने बताया कि अब तक ज्यादातर चीनी का इंडोनेशिया और ईरान को निर्यात किया गया। एक साल पहले जनवरी से जून अवधि में राज्य में 952 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी और 107 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। गन्ने की पेराई आमतौर पर हर साल नवंबर में शुरू होकर मार्च अंत तक चलती है।
उद्धव ने मरीजों को विश्व की सबसे बड़ी प्लाज्मा परियोजना की शुरुआत कीः सीएम ठाकरे ने सोमवार को कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए ‘प्लाज्मा थैरेपी- सह-परीक्षण’ परियोजना की शुरूआत की। राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसे दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी पहल बताया। इस पद्धति में ऐसे लोगों के रक्त से प्लाज्मा प्राप्त किया जाता जो इस संक्रमण से उबर चुके हैं। इसके बाद वह प्लाज्मा इलाज करा रहे रोगियों को दिया जाता है।
अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का नाम ‘प्लेटिना’ रखा गया है। यह दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत हमारा इरादा कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का जीवन बचाना है। यह परीक्षण 21 मेडिकल कॉलेजों में कया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी गंभीर रोगियों को 200 मिली प्लाज्मा की दो खुराक मुफ्त दी जाएगी।