लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए 7 मई को वोटिंग होगी। इसी के अंतर्गत यूपी के रोहिलखंड और ब्रज क्षेत्र की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इस दौरान कई केंद्रीय और योगी सरकार में मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। बीजेपी सरकार के सभी मंत्रियों पर अपने लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी है।
जयवीर सिंह
मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव (सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी) चुनाव लड़ रही हैं। उनके खिलाफ भाजपा के जयवीर सिंह (राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री) लड़ रहे हैं। जयवीर मैनपुरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं। मैनपुरी लोकसभा सीट पर 1996 से सपा का कब्जा है और बीजेपी यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। इस बार बीजेपी अखिलेश को उनके घर में ही घेरना चाहती है।
एसपी सिंह बघेल
केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा (सुरक्षित) सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला सपा के सुरेश चंद कर्दम और बसपा की पूजा अमरोही से है। सुरेश एक जूता व्यवसायी हैं, जो 2000 में आगरा में मेयर का चुनाव लड़ चुके हैं। जबकि पूजा अमरोही कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सत्या बहन की बेटी हैं।
अनूप वाल्मिकी
योगी सरकार के राजस्व राज्य मंत्री और अलीगढ़ के खैर क्षेत्र से विधायक अनूप वाल्मिकी को हाथरस सीट से मैदान में उतारा गया है। उनका मुकाबला सपा के जसवीर वाल्मिकी और बसपा के हेमबाबू धनगर से है। एक ग्राम प्रधान से विधायक और फिर राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य बने अनूप वाल्मिकी हाथरस से जीत के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
बेबी रानी मौर्य
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और आगरा ग्रामीण से मौजूदा विधायक बेबी रानी मौर्य की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। योगी सरकार में महिला कल्याण, बाल विकास और पोषण मंत्री बेबी रानी मौर्य की जिम्मेदारी फतेहपुर सीकरी सीट से बीजेपी को जिताने की है। फतेहपुर सीकरी सीट से बीजेपी के टिकट पर राज कुमार चाहर उम्मीदवार हैं।
योगेन्द्र उपाध्याय
तीसरा चरण योगी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के लिए भी परीक्षा है। ब्रज क्षेत्र में भाजपा के एकमात्र ब्राह्मण चेहरे के रूप में उभरे योगेन्द्र उपाध्याय आगरा दक्षिण से विधायक हैं, जो आगरा लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। योगेन्द्र उपाध्याय आगरा क्षेत्र में भाजपा के लिए सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।
धर्मवीर प्रजापति
नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति की प्रतिष्ठा भी आगरा क्षेत्र के चुनाव परिणामों से जुड़ी है। यहां प्रजापति समुदाय के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। आगरा जिले के निवासी धर्मवीर कई दशकों से आरएसएस से जुड़े थे। उन्हें 2021 में एमएलसी के रूप में नामित किया गया।
धर्मपाल सिंह
योगी सरकार में पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह आंवला विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जो आंवला लोकसभा सीट का हिस्सा है। देखने वाली बात यह होगी कि वह इस बार आंवला सीट पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका कितनी प्रभावी ढंग से निभाते हैं।
गुलाब देवी
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी चंदौसी से विधायक हैं, जो संभल लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। संभल सीट पर उनकी सक्रियता और पूरे क्षेत्र में लोकप्रियता की भी परीक्षा होगी। बीजेपी 2019 में संभल सीट सपा से हार गई।
डॉ. अरुण सक्सेना
तीसरा चरण बरेली के विधायक और राज्य में वन और पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना के लिए भी महत्वपूर्ण है। बरेली सीट पर बीजेपी और एसपी के बीच सीधा मुकाबला है। बसपा ने टिकट छोटेलाल गंगवार को दिया था, जिनका नामांकन खारिज हो गया। बीजेपी ने 8 बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काट दिया और उनकी जगह छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा है। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं ने फैसले पर असंतोष जताया। जबकि सपा ने पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन को मैदान में उतारा है।
संदीप सिंह
एटा में दिवंगत कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह जीत की हैट्रिक लगाने के इरादे से चुनावी मैदान में हैं। उनके बेटे बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह अतरौली से विधायक हैं। संदीप की प्रतिष्ठा उनके पिता और अलीगढ़ में पार्टी उम्मीदवार सतीश गौतम के चुनाव से भी जुड़ी हुई है, जहां (लोध) ओबीसी मतदाता प्रमुख भूमिका निभाते हैं।