कर्नाटक में सत्ता से हटते ही भाजपा नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। हाउसिंग प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के एक मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 17 अगस्त को दोनों को अपने सामने पेश होने का निर्देश दिया है।
नोटिस एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम की याचिका पर जारी किए गए हैं, जिन्होंने अतिरिक्त सिटी सिविल और सेशन जज के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें तत्कालीन सीएम येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री एसटी सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी नहीं मिलने पर याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिका खारिज करने को चुनौती देते हुए अब्राहम ने उच्च न्यायालय का रुख किया। हाई कोर्ट ने येदियुरप्पा और अन्य को नोटिस जारी करते हुए कहा, “आपको इस अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिवक्ता के माध्यम से 17 अगस्त की सुबह 10.30 बजे उपस्थित होना है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर एकतरफा फैसला किया जाएगा।”
अब्राहम ने आरोप लगाया है कि येदियुरप्पा और उनके बेटे और रिश्तेदारों सहित अन्य लोगों को बैंगलोर विकास प्राधिकरण की एक रुकी हुई आवास परियोजना को फिर से शुरू करने के लिए ठेकेदार से रिश्वत मिली है।
कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को कर्नाटक विधानसभा में 2020 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाया था। येदियुरप्पा और उनके बेटे ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री आर रोशन बेग और कांग्रेस के एक विधायक के खिलाफ बृहस्पतिवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पॉन्जी घोटाले में धन शोधन की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि धनशोधन रोकथान कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बेग और उनके सहयोगियों के कई परिसरों पर एजेंसी ने छापेमारी की।
बेंगलुरु के शिवाजीनगर में उनके और बेंगलुरु के चामराजपेट से कांग्रेस विधायक बी जी जमीर अहमद खान के दो परिसर और उनसे जुड़ी यात्रा कंपनी पर छापेमारी की गई। मुंबई में भी कुछ स्थानों पर छापेमारी की गई।