Jyotiraditya Scindia: मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) में एक मंदिर प्रांगण पर बुलडोजर चलाने का मामला राजनीतिक रंग लेता हुए दिखाई दे रहा है। NSUI मध्य प्रदेश ने आरोप लगाया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के इशारे पर इस मंदिर को तोड़ा गया है। NSUI की मध्य प्रदेश ईकाई के अनुसार ग्वालियर के जिस मंदिर को तोड़ा गया है, वह NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र तोमर का पुष्तैनी मंदिर था। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों पुष्पेंद्र तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का पुतला जलाया था जिससे आहत होकर मंदिर को तोड़ा गया है। उन्होंने इसकी जानकारी छात्र संगठन के ट्विटर हैंडल के जरिए साझा की है।

कांग्रेस छात्र संगठन की मध्य प्रदेश ईकाई के अनुसार पिछले दिनों इस मंदिर के दर्शन के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी आए थे। एनएसयूआई ने इस जानकारी के साथ कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं, एक तस्वीर में बना हुआ मंदिर नजर रहा है, दूसरी तस्वीर बुलडोजर से इमारत तोड़े जाने की है, इसके अलावा दो तस्वीरों में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हो रही झड़प दिखाई दे रही है। दिग्विजय सिंह ने भी इस ट्वीट को रीट्वीट किया है।

दो हफ्ते पहले हुआ था पुतला दहन का कार्यक्रम: दरअसल पिछले दिनों NSUI नेताओं द्वारा ग्वालियर में सिंधिया पैलेस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। यहां एक पुतला दहन का कार्यक्रम भी था। छात्रों द्वारा पुतला फूंका जाता कि उससे पहले ही पुलिस वहां पहुंच गई और छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। पुतला दहन की यह घटना करीब दो हफ्ते पहले की है। इस मामले में पुलिस ने तीन NSUI नेताओं को गिरफ्तार किया है।

कमलनाथ ने किया शिवराज सरकार का घेराव: एक तरफ मंदिर के मामले पर जहां NSUI सिंधिया की घेराबंदी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनआशीर्वाद यात्रा को लेकर भारतीय़ जनता पार्टी का घेराव किया है। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्य में शिवराज सरकार में कोरोना की गाइडलाइन के नाम पर बाबा बैजनाथ की परंपरागत शाही सवारी नही निकालने दी , कावंड यात्रा नहीं निकाली, गणेशोत्सव नहीं हुआ, अनंत चतुर्दशी के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया और न ही मोहर्रम का जुलूस निकाला गया लेकिन भाजपा नेताओं की सरकारी जनआशीर्वाद यात्राएं निकाली जा रही हैं।

NSUI ने सौंपे थे बेशरम के फूल: कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद NSUI द्वारा ज्योतिदारित्य सिंधिया का अलग-अलग तरह से विरोध किया जा रहा है। जून के महीने एक ज्ञापन सौंपने के नाम पर सिंधिया को बेशरम के फूल दिए गए थे। इस घटना का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था, यहां नागरिक उड्डयन मंत्री बिना कोई प्रतिक्रिया दिए सीधे आगे बढ़ गए थे।