सरकार और विपक्ष जेएनयू विवाद को लेकर बुधवार (24 फरवरी) को राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान पहली बार आमने सामने हुए। सूत्रों का कहना है कि सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों की मांगों के बाद कार्यमंत्रणा समिति की एक बैठक में मंगलवार को फैसला लिया गया कि बुधवार को मद्दे पर चर्चा की जाएगी। भाजपा सांसद भूपेंद यादव ने जेएनयू विवाद और साथ ही डेविड हेडली की पेशी पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। डेविड हेडली ने अपनी गवाही में कहा था कि इशरत जहां एक आतंकी थी। भाजपा सांसद विजय गोयल ने भी नोटिस दिया है।

भाजपा जेएनयू विवाद पर एक आक्रामक रुख अपना सकती है और इसे देशभक्तों और राष्ट्र विरोधियों के बीच की लड़ाई के तौर पर पेश कर सकती है। विपक्षी कांग्रेस जेएनयू विवाद को अभिव्यक्ति एवं विचारों की आजादी के बड़े मुद्दे से जोड़ रही है। जहां विपक्ष सरकार को घेरने के लिए एकजुट हो गया है वहीं भाजपा के एक नेता के अनुसार पार्टी को लगता है कि बहस को ‘देशभक्तों और राष्ट्रविरोधियों’ के बीच का बहस बताने से उसे फायदा होगा।

आक्रामक रहेगी एनडीए:

भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने मंगलवार को निर्णय किया कि वे जेएनयू मामले और हैदराबाद विश्वविद्यालय विवाद पर कांग्रेस और वामदलों को संसद में आक्रामक तरीके से जवाब देंगी। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के ऐसा करने से टकराव के लिए एक आधार तैयार हो गया क्योंकि इन मुद्दों पर बुधवार को राज्यसभा में चर्चा होनी है।

भाजपा प्रमुख अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रवादी रुख का समर्थन करते हुए संसदीय दल कार्यकारणी के सदस्यों को जेएनयू मामले की जानकारी से अवगत कराने का नेतृत्व किया। जानकारी मुहैया कराने में यह भी शामिल था कि राजग सदस्यों को अपनी दलील को मजबूती प्रदान करने के लिए घटनाओं को किस तरह से उठाना चाहिए जिसमें करगिल युद्ध के बाद जेएनयू में सैन्य अधिकारियों पर होने वाला कथित हमला भी शामिल है।

सूत्रों ने कहा कि जेएनयू मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘‘देशद्रोहियों का समर्थन’’ करने का आरोप लगाने वाले शाह ने परिसर के घटनाक्रम का ब्योरा दिया और इस बारे में बताया कि आरोपी छात्रों ने किसी तरह से किसी अन्य दिन एक दूसरा वीडियो शूट करके स्वयं को बेगुनाह पेश करने का प्रयास किया।

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सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजद्रोह के मामले का बचाव किया और कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि भारत के बंटवारे का आह्वान करने वाली नारेबाजी के लिए यह आरोप लगाया जा सकता है। उन्होंने यह बातें भाजपा संसदीय दल कार्यकारिणी की बैठक में कही जो राजग बैठक से पहले हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए और उन्होंने अपनी पार्टी और सहयोगी दलों के नेताओं को मुद्दों पर सरकार के स्पष्ट रुख के बारे में बताया।

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